तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने योगी आदित्यनाथ के डीएमके पर लगाए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी घबराई हुई है और हमें नफरत पर लेक्चर देना राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी है।
CM Stalin on Yogi Adityanath: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया पॉडकास्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। स्टालिन ने कहा कि डीएमके सरकार वोट के लिए दंगे की राजनीति नहीं करती और योगी आदित्यनाथ को इस विषय पर लेक्चर देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने भाजपा पर डर और विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया।
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा था?
योगी आदित्यनाथ ने एएनआई पॉडकास्ट के दौरान तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि जब भी डीएमके को अपना वोट बैंक खतरे में दिखता है, तो वह विभाजनकारी राजनीति का सहारा लेती है। उन्होंने जनता से ऐसी राजनीति से सतर्क रहने की अपील की। यूपी सीएम ने तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तीन भाषा फार्मूले और परिसीमन के विरोध को लेकर डीएमके सरकार पर सवाल उठाए थे।
स्टालिन का करारा जवाब
स्टालिन ने कहा, "तमिलनाडु की ‘दो भाषा नीति’ और ‘निष्पक्ष परिसीमन’ पर हमारी दृढ़ आवाज पूरे देश में गूंज रही है, जिससे भाजपा घबराई हुई है। अब भाजपा नेता हमें नफरत पर लेक्चर देना चाहते हैं। यह राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी के अलावा कुछ नहीं है। हम किसी भाषा का विरोध नहीं करते, लेकिन किसी भी चीज को जबरदस्ती थोपने और अंधराष्ट्रवाद के खिलाफ हैं। यह वोट के लिए दंगा भड़काने की राजनीति नहीं, बल्कि सम्मान और न्याय की लड़ाई है।"
भाषा विवाद पर योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी
योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि देश को भाषा या क्षेत्र के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए। उन्होंने तमिल भाषा की प्राचीनता को स्वीकार करते हुए कहा था कि यह भाषा संस्कृत जितनी ही पुरानी है और इसकी भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने सवाल उठाया था कि अगर तमिल भाषा को इतना सम्मान दिया जाता है, तो फिर हिंदी का विरोध क्यों किया जाता है?
डीएमके सरकार और भाजपा के बीच बढ़ता टकराव
डीएमके और भाजपा के बीच हाल के महीनों में कई मुद्दों पर मतभेद उभरे हैं। परिसीमन और तीन भाषा फार्मूले के विरोध के चलते डीएमके सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है। भाजपा जहां इसे राजनीतिक मुद्दा बता रही है, वहीं डीएमके इसे तमिलनाडु की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान की सुरक्षा से जोड़ रही है।