Delhi: आज से दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू, भाजपा का CAG रिपोर्ट पर निशाना

Delhi: आज से दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू, भाजपा का CAG रिपोर्ट पर निशाना
Last Updated: 29 नवंबर 2024

दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज, 29 नवंबर से शुरू होगा। विपक्ष ने आम आदमी पार्टी (AAP) को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति तैयार कर ली है, जिससे सत्र के दौरान हंगामेदार बहस की संभावना है।

New Delhi: दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज, 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। यह सत्र खास महत्व रखता है क्योंकि यह आम आदमी पार्टी (AAP) के दूसरे कार्यकाल का अंतिम सत्र है। सत्र के दौरान सरकार कई अहम मुद्दों पर चर्चा करने और रिपोर्ट पेश करने की तैयारी में है। वहीं, विपक्ष ने भी इस सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। आगामी चुनावों के मद्देनजर यह सत्र सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष दोनों के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर साबित हो सकता है।

सरकार पेश करेगी कई महत्वपूर्ण रिपोर्ट

AAP सरकार इस सत्र में बिजली कंपनियों से संबंधित रिपोर्ट सहित अन्य अहम रिपोर्टें पेश करेगी। ये रिपोर्टें दिल्ली की जनता की समस्याओं और उनकी भलाई के लिए किए गए कार्यों का आकलन करने के उद्देश्य से लाई जाएंगी। सरकार का दावा है कि इन रिपोर्टों के जरिए उसकी पारदर्शिता और कामकाज की क्षमता उजागर होगी। हालांकि, विपक्ष पहले ही इन रिपोर्टों को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुका है।

CAG रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने साधा निशाना

सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने CAG रिपोर्ट को लेकर सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी विधायकों ने उपराज्यपाल से मुलाकात कर आरोप लगाया कि सरकार ने कैग रिपोर्ट को जानबूझकर सदन में पेश नहीं किया। उनका कहना है कि कई महत्वपूर्ण विभागों की रिपोर्ट दबाई जा रही है। विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा में प्रमुखता से उठाने की घोषणा की है। यह मामला सत्र के दौरान बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है।

केंद्र से 10,000 करोड़ की मांग पर बवाल

दिल्ली सरकार ने केंद्र से 10,000 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। इस पर विपक्ष ने सरकार की नीतियों और आर्थिक स्थिति को लेकर तीखा हमला किया है। नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुफ्त योजनाओं और फिजूल खर्च के कारण सरकार का वित्तीय संतुलन बिगड़ चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP सरकार ने दिल्ली को राजस्व सरप्लस से घाटे में पहुंचा दिया है।

कर्ज लेने के फैसले पर भाजपा का विरोध

दिल्ली सरकार द्वारा 10,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के फैसले पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है। गुप्ता ने चेतावनी दी कि इस कर्ज को चुकाने में 15 साल लगेंगे, और यह ब्याज सहित 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। उन्होंने इसे सरकार की आर्थिक नीतियों की विफलता बताया और कहा कि इसका बोझ आने वाली सरकारों पर पड़ेगा।

रोहिंग्या मुद्दे पर गरमाएगी बहस

सत्र में रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा भी गरम रहेगा। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आप नेताओं ने रोहिंग्याओं को वोटर कार्ड जारी किए और अब उन्हें मतदाता सूची में शामिल करने का दबाव बना रहे हैं। विजेंद्र गुप्ता ने इसे दिल्ली की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया और सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मामले को सत्र में पूरी ताकत से उठाएगा।

प्रदूषण और श्रमिकों का मुद्दा भी उठेगा

दिल्ली में प्रदूषण के कारण निर्माण कार्यों पर लगी रोक के चलते बड़ी संख्या में श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाने की योजना बनाई है। विपक्ष ने मांग की है कि प्रभावित श्रमिकों को आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर भी सवाल उठाए जाएंगे।

विपक्ष की रणनीति और आरोप

विपक्ष ने AAP सरकार की नीतियों को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन इसका लाभ जनता तक नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि यह सत्र सरकार की असफलताओं और कुप्रबंधन को उजागर करने का सही मौका है।

सत्र में बढ़ सकता है सियासी घमासान

चूंकि यह AAP सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम सत्र है, इसलिए इसमें राजनीतिक गर्मी देखने को मिलेगी। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप सत्र का मुख्य आकर्षण रहेंगे। यह सत्र न केवल दिल्ली की राजनीति को बल्कि आगामी चुनावों को भी प्रभावित कर सकता है।

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