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Delhi NCR Earthquake: दिल्ली-NCR में भूकंप का कहर, लगातार झटकों से दहशत

Delhi NCR Earthquake: दिल्ली-NCR में भूकंप का कहर, लगातार झटकों से दहशत
अंतिम अपडेट: 28-03-2025

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। भूकंप का केंद्र म्यांमार रहा, जहां इसकी तीव्रता 7.2 मापी गई।

Delhi NCR Earthquake: शुक्रवार दोपहर दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। झटके रुक-रुक कर आते रहे, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया। भूकंप का केंद्र म्यांमार में था, जहां इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.2 मापी गई। भारत के पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग सबसे ज्यादा डर में रहे और वे तेजी से खुले स्थानों की ओर भागते नजर आए। हालांकि, भारत में भूकंप का असर म्यांमार और बांग्लादेश जितना भयावह नहीं रहा।

पूर्वोत्तर राज्यों में भी झटकों का असर

भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, असम और सिक्किम में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहां झटके काफी तेज थे, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है और राहत एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

पिछले महीने भी आया था भूकंप

फरवरी में भी दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भूकंप आया था। उस दौरान रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 मापी गई थी। उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में झटके महसूस किए गए थे। गाजियाबाद के स्थानीय निवासियों ने बताया कि झटका इतना तेज था कि पूरा घर हिलने लगा और ट्रेन के डिब्बे जैसा कंपन महसूस हुआ। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, उस भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और इसकी गहराई लगभग 5 किलोमीटर थी।

भूकंप क्यों आता है?

धरती की सतह कई टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है, जो निरंतर गति करती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या उनके किनारे मुड़ते हैं, तो अत्यधिक दबाव के कारण प्लेट्स टूटने लगती हैं। इस दौरान ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है, जिससे सतह पर कंपन पैदा होता है और भूकंप आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप की तीव्रता और उसके प्रभाव को कम करने के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और जागरूकता बेहद जरूरी है।

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