इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने वाली कंपनी टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क (Elon Musk) इस महीने भारत आने का प्लान बना रहें हैं और यहां ईवी बनाने के उद्योग में निवेश की घोषणा कर सकते हैं।
Tesla In India: टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क (Elon Musk) भारत में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए टेस्ला का कारोबार (Tesla Plant in India) करना चाहते हैं, जिसके दौरान भारत में टेस्ला के मालिक 22 अप्रैल को शुरू हो रहे सप्ताह के दौरान यात्रा पर आ सकते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात कर सकते हैं। इस बीच, एलन मस्क (Elon Musk) के इस प्लान से चीन नाखुश है। टेस्ला के भारत आने से पहले ही चीन इसे रोकने का प्रयास कर रहा है।
इस फैसले पर क्या कहा चीन ने
subkuz.com को रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, चीन ने कहा कि भारत में टेस्ला का कारोबार बर्बाद हो जाएगा। चीनी सरकार का मुख्यपत्र ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के लिए टेस्ला को आमंत्रित करना मुश्किल होगा क्योंकि उसे डर है कि अमेरिकी कार निर्माता 'बेहद कम तैयारी और अपरिपक्व भारतीय बाजार' में काम नहीं कर सकता है। चीन ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सुविधा में टेस्ला के आगामी निवेश से देश को लाभ होगा और ईवी उत्पादन भी बढ़ोत्तरी होगी, जो टेस्ला के व्यवसाय और विकास के लिए ज्यादा सही नहीं होगा।
एलन मस्क के प्लान से नाखुश चीन
इस रिपोर्ट में बताया गया कि जहां तक टेस्ला (Tesla) कंपनी का सवाल है, यह आमतौर पर मध्य और उच्च-अंत क्षेत्रों और परिपक्व बाजारों पर ध्यान केंद्रित करता है, यह कोई नहीं जानता कि इसे भारत में सफलता मिलेगी या नहीं। जबकि भारत का EV (ई वी) बाजार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है, और इसका आकार काफी छोटा है। मिले आंकड़ों से पता चला है भारत में 2023 में बेचे गए कुल यात्री वाहनों में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ 2.3 % रही थी। चीन का कहना है कि भारत में कंपनी को कई चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता हैं। भारत में न ही बिजली की सुविधा है। साथ ही भारतीय मार्केट में मुनाफा कमाना बड़ा ही मुश्किल है।
क्यों तिलमिला रहा है चीन?
बता दें कि भारत ने हल ही में Elon Musk के लंबे समय से चले आ रहे अनुरोध को ध्यान में रखते हुए नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति को मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि इससे पहले, भारत ने कई ईवी वाहनों को भारत आने से रोका था। वहीं अब टेस्ला के भारत आने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में चीन को भी डर है कि कहीं वहां से टेस्ला और बाकी कंपनियां भारत में स्थापित न हो जाएं। चीन में कुछ कंपनियां अपना व्यवसाय बंद कर चुकी हैं और चीन अब एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। साथ ही भारत-चीन का संबंध सीमा विवाद को लेकर अच्छा नहीं रहा है।