Maharashtra Politics: राहुल गांधी की रैली में बंटी 'लाल किताब', बीजेपी ने किया तीखा हमला, नागपुर में सियासी विवाद गहराया

Maharashtra Politics: राहुल गांधी की रैली में बंटी 'लाल किताब', बीजेपी ने किया तीखा हमला, नागपुर में सियासी विवाद गहराया
Last Updated: 07 नवंबर 2024

राहुल गांधी की रैली में 'लाल किताब' बांटने को लेकर सियासी विवाद उठ खड़ा हुआ है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह किताब संविधान की नकली प्रति है, जबकि कांग्रेस ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह केवल उनके कार्यकर्ताओं को बांटा गया एक नोटपैड है।

Maharashtra: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की नागपुर रैली ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। बुधवार को कांग्रेस द्वारा नागपुर के सुरेश भट सभागार में आयोजित संविधान सम्मेलन में राहुल गांधी भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने 'लाल किताब' लहराई, जिसके कवर पर 'कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया' लिखा था, लेकिन अंदर के पन्ने कोरे थे।

कांग्रेस का कहना है कि यह केवल नोटपैड था, जिसे कार्यकर्ताओं को बांटा गया था। हालांकि, बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे संविधान का अपमान बताया।

लाल किताब पर सियासी घमासान

राहुल गांधी की नागपुर रैली मेंलाल किताबको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है। इस किताब का कवर 'कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया' लिखा हुआ था, लेकिन अंदर के पन्ने कोरे थे, जिसे लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया कि यह संविधान का अपमान है। इस मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी प्रतिक्रिया हुई है।

बीजेपी नेताओं की तीखी आलोचना

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, "राहुल गांधी संविधान का सम्मान नहीं करते। वह संविधान को हाथ में पकड़कर भाषण देने का हक नहीं रखते। नेहरू जी ने भी बाबा साहेब आंबेडकर को शुरुआत में कैबिनेट में नहीं लिया था, लेकिन बाद में गांधी जी के कहने पर उन्हें मंत्री पद दिया।" उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब आंबेडकर को अपमानित किया और अब संविधान का अपमान कर रहे हैं।

देवेंद्र फडणवीस का आरोप

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले पर बयान दिया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने संविधान के प्रति अनास्था दिखाई। वह लाल किताब लेकर संविधान का सम्मान नहीं करना चाहते। उनकी यह नौटंकी सिर्फ कांग्रेस के नक्सल समर्थक और अनार्किस्ट नेताओं को खुश करने के लिए है।"

कांग्रेस का सफाई में बयान

कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों का खंडन किया। कांग्रेस नेता किशोर कन्हेरे ने कहा, "यह किताब संविधान की कॉपी नहीं थी, बल्कि यह एक नोटपैड था। जिसे श्रोताओं को दिया गया था ताकि वे वक्ताओं के नोट्स ले सकें। नोटपैड पर संविधान सम्मेलन लिखा गया था, और इसमें पेंसिल भी दी गई थी। बीजेपी मुद्दों की कमी के कारण इस तरह का गलत प्रचार कर रही है।"

कांग्रेस का आरोप, बीजेपी की साजिश

किशोर कन्हेरे ने यह भी कहा, "बीजेपी राहुल गांधी से घबराई हुई है और इसी कारण से यह गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने संविधान पर जोर दिया है, जिसके बाद संविधान की किताब बाजार से गायब हो गई है, यह एक साजिश के तहत किया जा रहा है।"

 

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