Kargil War: Pakistan ने पहली बार कबुली अपनी शिकस्त, 'कारगिल युद्ध में मारे गए हमारे सैनिक' - पाकिस्तानी जरनल असीम मुनीर

Kargil War: Pakistan ने पहली बार कबुली अपनी शिकस्त, 'कारगिल युद्ध में मारे गए हमारे सैनिक' - पाकिस्तानी जरनल असीम मुनीर
Last Updated: 09 सितंबर 2024

पाकिस्तान की सेना के प्रमुख ने कहा, "चाहे वह 1948, 1965, 1971 का युद्ध हो या 1999 का करगिल संघर्ष, हजारों सैनिकों ने पाकिस्तान और इस्लाम के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है।" हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने कभी भी करगिल युद्ध में अपनी प्रत्यक्ष भागीदारी को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है। वह हमेशा आधिकारिक रूप से यह बताती रही है कि यह 'मुजाहिदीन' का कार्य था।

Pakistan: पाकिस्तानी सेना ने पहली बार सार्वजनिक रूप से भारत के खिलाफ 1999 के करगिल युद्ध में अपनी भूमिका को स्वीकार किया है। पाकिस्तान में आयोजित एक समारोह में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल ने कहा कि 1965, 1971 और 1999 में करगिल के युद्ध में हमारे कई सैनिकों ने अपनी जान दी थी।

पाकिस्तान की सेना ने कभी भी सार्वजनिक रूप से करगिल युद्ध में अपनी प्रत्यक्ष भागीदारी को स्वीकार नहीं किया है। उसने हमेशा आधिकारिक रूप से यह दावा किया है कि यह 'मुजाहिदीन' का कार्य था।

कारगिल में पाकिस्तान को मिली कड़ी शिकस्त

1999 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान को एक कड़ी हार का सामना करना पड़ा। भारतीय सैनिकों ने लद्दाख में लगभग तीन महीने तक चले संघर्ष के बाद, टाइगर हिल समेत कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से पर घुसपैठियों द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्रों को सफलतापूर्वक पुनः प्राप्त कर लिया।

नवाज शरीफ ने कारगिल से जवानों को बुलाया वापस

तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से करगिल सेक्टर से अपनी सेना के जवानों को वापस बुलाने की अपील की थी। भारत की पाकिस्तान पर विजय की याद में 'कारगिल विजय दिवस' मनाया जाता है। इस संघर्ष में पाकिस्तानी घुसपैठियों से लड़ते हुए कुल 545 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।

पाकिस्तान ने शव लेने से किया था मना            

भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन कश्मीर पाकिस्तान की एक रणनीति थी। करगिल में पाकिस्तानी सेना की भूमिका को साबित करने के लिए भारत के पास कई ठोस सबूत हैं, जिनमें युद्ध बंदियों, उनके वर्दी और हथियार शामिल हैं।

युद्ध के बाद, भारतीय सेना ने करगिल में कई मृत पाकिस्तानी सैनिकों को दफनाया था। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने करगिल में मारे गए अपने सैनिकों के शव लेने से इनकार कर दिया था और पाकिस्तानी अधिकारियों के शवों को गुप्त रूप से मांगने का प्रयास किया था।

 

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