मैग्नस कार्लसन ने 2013 में विश्वनाथन आनंद को हराकर शतरंज की विश्व चैंपियनशिप जीती थी। उस समय कार्लसन ने अपनी शानदार और अडिग शतरंज कौशल से आनंद को 5.5-3.5 के अंतर से हराया। यह जीत कार्लसन के लिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि वह युवा शतरंज खिलाड़ी के रूप में विश्व चैंपियन बने।
स्पोर्ट्स: मैग्नस कार्लसन को शतरंज के इतिहास में सबसे मजबूत और प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उनका जन्म 30 नवंबर 1990 को नॉर्वे के टोंसबर्ग में हुआ। उनके माता-पिता, मां सिगरन ओइन, जो एक केमिकल इंजीनियर थीं, और पिता हेनरिक अल्बर्ट कार्लसन, जो एक आईटी सलाहकार थे, ने उन्हें एक प्रोत्साहक और प्रेरणादायक माहौल दिया।
मैग्नस ने शतरंज की शुरुआत अपनी बड़ी बहन को हराने की चुनौती से की, और इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे शतरंज के मैदान में अपनी पहचान बनानी शुरू की। उनकी नैसर्गिक प्रतिभा और शतरंज के प्रति लगन ने उन्हें 13 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब दिलाया, जो उस समय के लिए एक बड़ा रिकॉर्ड था।
मैग्नस कार्लसन विश्वनाथन आनंद को हराकर बने नंबर-1
मैग्नस कार्लसन ने शतरंज की दुनिया में अपनी अद्वितीय प्रतिभा और अद्वितीय रिकॉर्ड्स से एक नई मिसाल स्थापित की है। 2013 में उन्होंने विश्वनाथन आनंद को हराकर विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती, और इसके बाद 2014 में अपने खिताब की सफलतापूर्वक रक्षा की। यही नहीं, उन्होंने 2014 में ही विश्व रैपिड चैंपियनशिप और विश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप भी जीत ली, जिससे वह तीन प्रमुख शतरंज खिताब एक साथ जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने। इस शानदार उपलब्धि को उन्होंने 2019 और 2022 में भी दोहराया।
कार्लसन ने 2016 में सर्गेइ कारजेकिन के खिलाफ क्लासिकल विश्व खिताब की रक्षा की, और इसके बाद 2018 में फैबियानो कारूआना तथा 2021 में इयान नेपोम्नियाचची के खिलाफ भी अपने खिताब को बचाया। इन जीतों ने उन्हें शतरंज के समकालीन दिग्गजों के साथ खुद को स्थापित किया और शतरंज के शीर्ष पर अपनी स्थिति को मजबूत किया।
जब बात होती है शतरंज के दिग्गजों की, तो बॉबी फिशर और अनातोली कार्पोव का नाम हमेशा लिया जाता है। गैरी कास्पारोव, जो स्वयं शतरंज के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं, ने मैग्नस कार्लसन के बारे में कहा कि उनके अंदर फिशर और कार्पोव दोनों के खेल का समामेलन है। कास्पारोव का मानना है कि यही कारण है कि कार्लसन लगातार शीर्ष पर बने रहते हैं और अजेय दिखाई देते हैं।
वर्ष 2023 में मैग्नस कार्लसन ने
वर्ष 2023 में मैग्नस कार्लसन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया और विश्व शतरंज चैंपियनशिप में अपने खिताब का बचाव न करने का फैसला किया। यह निर्णय उनकी गंभीर प्रतियोगिता और प्रतिद्वंद्विता को न देखकर लिया गया, लेकिन इस निर्णय के बावजूद वह शतरंज के खेल से जुड़े रहे और अन्य खिलाड़ियों से आगे बने रहे। उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव का इस्तेमाल शतरंज के विभिन्न पहलुओं में योगदान देने के लिए किया।
कोरोना महामारी के बाद, कार्लसन ने शतरंज टूर्नामेंट्स के प्रायोजन की दिशा में भी कदम बढ़ाए, जिससे खेल को और अधिक लोकप्रिय बनाने में मदद मिली। इसके साथ ही, वह ग्लोबल चेस लीग में एल्पाइन एसजी पाइपर्स टीम के लिए खेल रहे हैं, जो एक महत्वपूर्ण शतरंज लीग हैं।
अक्टूबर 2024 में, लीग के लंदन में हुए दूसरे संस्करण के दौरान, मुझे एल्पाइन एसजी पाइपर्स का कोच और कप्तान बनने का गौरव प्राप्त हुआ। इस दौरान, मैग्नस कार्लसन के खेल के प्रति गहरी समझ और गणना के तरीके को जानकर मुझे यह एहसास हुआ कि उनका शतरंज की रणनीतियों और मानसिकता में कितना योगदान हैं।
मैग्नस कार्लसन का शानदार कमबैक
मैग्नस कार्लसन ने पांच वर्षों के अंतराल के बाद 2023 में टाटा स्टील रैपिड और ब्लिट्ज चैंपियनशिप में भाग लिया और दोनों टूर्नामेंट जीतकर अपनी शतरंज की कौशलता को साबित किया। रैपिड चैंपियनशिप में उन्होंने 7.5/9 अंक बनाए, जबकि ब्लिट्ज चैंपियनशिप में 13/18 अंक हासिल किए, जो उनकी अपार प्रतिभा और रणनीतिक सोच को दर्शाता हैं।
हालांकि, कार्लसन ने क्लासिकल विश्व चैंपियनशिप चक्र में खेलने से मना कर दिया है, लेकिन वह अभी भी तीनों रेटिंग श्रेणियों क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज में शीर्ष पर बने हुए हैं। उनकी शतरंज के प्रति गहरी समझ, रणनीति और गणना की क्षमता उन्हें इन शतरंज प्रारूपों में लगातार नंबर-1 बनाए रखती हैं।