Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजार में आई भारी गिरावट, शुक्रवार को उम्मीद से कमज़ोर रही आर्थिक रिपोर्ट, क्या है इसका कारण?

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विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका की व्यापार नीति में जारी बदलावों के कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितता बनी रहेगी। हालिया नीतिगत परिवर्तनों से आयात-निर्यात पर प्रभाव पड़ सकता हैं।

बिजनेस न्यूज़: शुक्रवार को जारी कमज़ोर आर्थिक रिपोर्ट के बाद अमेरिकी शेयर बाज़ार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के अमेरिकी व्यापार गतिविधि पर संभावित नकारात्मक प्रभाव का संकेत मिला। एसएंडपी 500 और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज दोनों में 1.7% की गिरावट देखी गई, जो 18 दिसंबर 2023 के बाद उनकी सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट रही। वहीं, नैस्डैक कंपोजिट में 2.2% की गिरावट दर्ज की गई। 

अमेरिका की व्यापार गतिविधि में गिरावट, ट्रंप की नीतियों पर बढ़ती अनिश्चितता

एसएंडपी ग्लोबल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी व्यापार गतिविधि में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे विकास दर 17 महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई है। खासतौर पर सेवा क्षेत्र में अप्रत्याशित संकुचन हुआ है, जो अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। सर्वेक्षण में शामिल कई व्यवसायों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर बढ़ती अनिश्चितता जताई है, जिसमें संभावित नए टैरिफ और घरेलू खर्च में कटौती शामिल हैं। इन नीतिगत बदलावों के कारण कारोबारी माहौल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे बाजार में आशावाद घट रहा हैं।

कीमतों में वृद्धि और मुद्रास्फीति की चिंता

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के मुख्य व्यवसाय अर्थशास्त्री क्रिस विलियमसन ने कहा, "कंपनियां संघीय सरकार की नीतियों के प्रभाव को लेकर व्यापक चिंता जता रही हैं, जिसमें खर्च में कटौती, टैरिफ और भू-राजनीतिक घटनाक्रम शामिल हैं।" इसके अलावा, टैरिफ संबंधी मूल्य वृद्धि के कारण आपूर्तिकर्ता कीमतें बढ़ा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ रहा हैं।

मिशिगन विश्वविद्यालय के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि संभावित टैरिफ के कारण उपभोक्ता उच्च लागत के लिए तैयार हैं। चूंकि टैरिफ आयातकों पर कर के रूप में कार्य करते हैं, वॉलमार्ट जैसे प्रमुख खुदरा विक्रेता अक्सर इन लागतों को ग्राहकों पर डाल देते हैं, जिससे महंगाई और बढ़ जाती हैं।

आर्थिक दृष्टिकोण कमजोर

व्यापारिक गतिविधि में गिरावट इस बात का संकेत है कि प्रशासन की नीतियों को लेकर बिजनेस और उपभोक्ता दोनों ही चिंतित हैं। हालांकि, ट्रंप के चुनाव के बाद व्यापार-अनुकूल माहौल की उम्मीद थी, लेकिन विनियामक अनिश्चितता, खर्च में कटौती और व्यापारिक चिंताओं ने इस आशावाद को कमजोर कर दिया है। इसके अलावा, उपभोक्ता विश्वास और घर की बिक्री पर आई रिपोर्टों ने भी अपेक्षा से कम प्रदर्शन किया, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दबाव और बढ़ गया हैं।

ट्रम्प प्रशासन की व्यापार नीतियाँ और आर्थिक प्रभाव

ट्रम्प प्रशासन ने हाल ही में चीनी आयात पर 10% टैरिफ लगा दिया है, जबकि मैक्सिको और कनाडा से आने वाले आयातों पर 25% टैरिफ को मार्च तक के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ बढ़ाकर 25% कर दिया गया है। ट्रम्प ने संकेत दिया है कि वे ऑटो, सेमीकंडक्टर और फार्मास्युटिकल आयातों पर भी 25% टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं।

सरकार के खर्च में कटौती के कारण हज़ारों नौकरियाँ चली गई हैं, खासकर वैज्ञानिक और पर्यावरण क्षेत्रों में। इसका मुख्य कारण अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व में नवगठित "गवर्नमेंट एफिशिएंसी डिपार्टमेंट (DOGE)" द्वारा बजट में कटौती करना बताया जा रहा हैं।

कम ब्याज दरें अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर सकती हैं, लेकिन वे खर्च बढ़ाकर मुद्रास्फीति को भी तेज कर सकती हैं। हाल ही में आई कमज़ोर आर्थिक रिपोर्टों के कारण शुक्रवार को ट्रेजरी यील्ड में गिरावट देखी गई। 10 साल की ट्रेजरी यील्ड 4.51% से गिरकर 4.41% हो गई, जो बॉन्ड मार्केट में अस्थिरता को दर्शाती हैं।

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