आज से चैत्र नवरात्र 2025 की शुरुआत हो गई है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना कर भक्त अपनी आस्था प्रकट करेंगे। पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है। इसी दिन कलश स्थापना का भी विशेष महत्व है। भक्तगण पूरे दिन कलश स्थापना कर सकते हैं, लेकिन अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना का विशेष महत्व माना गया है। आज अभिजीत मुहूर्त 11:36 बजे से 12:24 बजे तक रहेगा।
कलश स्थापना का मंत्र और विधि
कलश स्थापना के समय ‘कलशस्य मुखे विष्णुः कंठे रुद्रः समाश्रितः ...’ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। रविवार को इस मंत्र के साथ कलश स्थापित कर नवरात्र का शुभारंभ किया जाएगा। भक्तों ने सुबह से ही अपने-अपने घरों में कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा की तैयारी कर ली है। शहर के प्रमुख मंदिरों में नवरात्र और रामनवमी को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। सर्जना चौक स्थित राम मंदिर, तपोवन मंदिर और चुटिया के प्राचीन राम मंदिर में रामनवमी के उपलक्ष्य में विशेष पूजा-अर्चना और पाठ का आयोजन किया जा रहा हैं।
व्रत और पूजा का महत्व
चैत्र नवरात्र का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इसे नववर्ष का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर लोग अपने जीवन में सकारात्मकता लाने और नए संकल्प लेने का प्रयास करते हैं। नवरात्र के दौरान भक्त व्रत रखते हैं और मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। सात्विक आहार का पालन करते हुए लोग ध्यान और योग से शरीर और मन की शुद्धि करते हैं।
श्री राधा कृष्ण मंदिर में विशेष आयोजन
श्री राधा कृष्ण मंदिर पुंदाग में आज हिंदू नववर्ष के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और महाप्रसाद का आयोजन होगा। मंदिर परिसर में दोपहर से महाप्रसाद वितरण शुरू हो जाएगा, जबकि दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक भजन-संकीर्तन का कार्यक्रम चलेगा। मंदिर प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की हैं।
चैत्र नवरात्र का समापन 6 अप्रैल 2025 को होगा। इस दौरान भक्तजन मां के विभिन्न स्वरूपों की उपासना कर मानसिक शांति, आत्मविश्वास और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करेंगे।