गुरुवार का दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है। इस दिन भक्त विधिपूर्वक दोनों देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि ग्रहों की दशा में सुधार हो सके। खासकर बृहस्पति देव की आरती और पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और धार्मिक शांति मिलती है।
Vishnu Ji Aur Brihaspati Dev Ki Aarti: हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन का एक विशेष महत्व होता है और हर दिन किसी विशेष देवी-देवता को समर्पित किया जाता है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव के पूजन के लिए खास माना जाता है। इस दिन, भक्तगण विधिपूर्वक भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा और आरती करते हैं, जिससे कुंडली में ग्रहों की दशा में सुधार होता है। माना जाता है कि विष्णु जी की आरती के बाद बृहस्पति देव की आरती से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
भगवान विष्णु की आरती, गुरुवार को विष्णु पूजा से ग्रहों की दशा होगी ठीक
भगवान विष्णु की पूजा और आरती का विशेष महत्व है, खासकर गुरुवार के दिन। हिंदू धर्म में गुरुवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। भगवान विष्णु की आरती का पाठ करने से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं और उनके जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। यह आरती भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।
भगवान विष्णु की आरती का पाठ इस प्रकार किया जाता है
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे।
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी।
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी।
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति।
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे।
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा।
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे।
गुरुवार को करें बृहस्पति देव की पूजा, मिलेगा आशीर्वाद और सफलता
गुरुवार का दिन बृहस्पति देव को समर्पित होता है, और इस दिन उनकी पूजा से जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का आगमन होता है। बृहस्पति देव को ज्ञान, आशीर्वाद और सुख-समृद्धि के देवता माना जाता है। खासकर, इस दिन उनकी आरती करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त होते हैं और जीवन में सभी प्रकार की परेशानियों का समाधान मिलता है।
बृहस्पति देव की आरती
ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा।
छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
बृहस्पति देव की पूजा का महत्व और विधि
महत्व
गुरुवार का दिन बृहस्पति देव (जिन्हें गुरु ग्रह भी कहा जाता है) को समर्पित होता है। बृहस्पति देव को ज्ञान, शिक्षा, और आशीर्वाद का देवता माना जाता है। वे भगवान शिव के भक्त हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और सफलता प्राप्त होती है।
- ग्रहों की दशा सुधरती है – बृहस्पति ग्रह से जुड़ी समस्याएं जैसे शिक्षा में असफलता, नौकरी या व्यवसाय में परेशानियां और धन की कमी समाप्त होती है।
- शरीर और मन की शांति मिलती है – मानसिक तनाव कम होता है और व्यक्ति को शांति का अनुभव होता है।
- व्यक्तिगत संबंधों में सुधार – पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में भी सुधार होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – बृहस्पति देव की पूजा से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन के उद्देश्य को समझ सकता है।
बृहस्पति देव की पूजा विधि
- स्नान और शुद्धता – सबसे पहले घर के पवित्र स्थान या मंदिर में स्नान करके शुद्ध हो जाएं।
- गौरवपूर्ण आसन पर बैठें – पूजा के समय एक साफ आसन पर बैठकर ध्यान केंद्रित करें।
- बृहस्पति देव का स्मरण – बृहस्पति देव के मंत्र का जप करें जैसे "ॐ बृं बृहस्पतये नमः"।
- समीपवर्ती बृहस्पति देव की मूर्ति या चित्र रखें – यदि संभव हो तो बृहस्पति देव की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थान पर रखें।
- चढ़ावा चढ़ाएं – बृहस्पति देव को पीले फूल, हल्दी, ताम्बूल (पान के पत्ते), चने, या कद्दू चढ़ाएं। साथ ही, पीले वस्त्र और पीला फल चढ़ाना शुभ होता है।
बृहस्पति देव की पूजा के लाभ
- इस पूजा से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुधरती है।
- शिक्षा में सफलता मिलती है और करियर में प्रगति होती है।
- मानसिक शांति और ताजगी मिलती है।
- बृहस्पति ग्रह के कुप्रभाव से बचाव होता है।