Sankashti Chaturthi 2024: महिलाएं आज रखेगी विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानिए पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और विधि

Sankashti Chaturthi 2024: महिलाएं आज रखेगी विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानिए पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और विधि
Last Updated: 2 घंटा पहले

भगवान गणेश की उपासना के लिए चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। आपको बता दें कि आज विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत का आयोजन किया जाएगा। आइए, इस अवसर पर शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानते हैं।

धार्मिक डेस्क:  सनातन धर्म में भगवान गणेश की पूजा को सर्वप्रथम देवता के रूप में माना जाता है। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, भगवान गणेश की उपासना करने से व्यक्ति के सभी दुख और संकट समाप्त हो जाते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि गणेश उत्सव के बाद आज, यानी 21 सितंबर 2024, शनिवार को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान गणेश की पूजा का महत्वपूर्ण विधान है और मान्यता है कि उनकी उपासना से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं।

संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त

* तिथि: चतुर्थी तिथि कल सुबह 4:32 बजे से प्रारंभ होगी और अगले दिन सुबह 5:16 बजे तक रहेगी।

* पूजा का समय: चतुर्थी तिथि के दिन, दिन में विशेष रूप से संध्या काल में पूजा करना लाभकारी होता है। संध्या पूजा का समय लगभग 6:00 से 7:30 बजे के बीच रहेगा।

संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा विधि

* स्नान और व्रत का संकल्प: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।

* गणेश स्थापना: घर के पूजास्थल पर गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

* साफ-सफाई: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां फूल, दीपक, फल और मिठाइयां रखें।

* अभिषेक: गणेश जी का जल, दूध, दही, शहद, और शक्कर से अभिषेक करें।

* पूजा सामग्री: गणेश जी को मोदक, लड्डू, और पत्ते अर्पित करें।

* आरती: आरती करने के बाद गणेश जी से अपनी मनोकामनाएं प्रकट करें।

* प्रसाद: पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और व्रत का समापन करें।

संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व

संकष्टी चतुर्थी व्रत का शास्त्रीय महत्व और धार्मिक मान्यता विशेष रूप से गणेश जी की उपासना से जुड़ी हुई है। इस दिन की पूजा से मिलने वाले लाभों को निम्नलिखित बिंदुओं में समझाया जा सकता है:

* कष्टों का नाश: धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और पापों का क्षय होता है।

* विघ्नों का निवारण: चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश, भगवान शिव, और माता पार्वती की उपासना करने से जीवन में आने वाले सभी विघ्न समाप्त हो जाते हैं।

* ग्रह दोष का निवारण: इस दिन विशेष रूप से ग्रह दोषों का निवारण करने के लिए पूजा करना फायदेमंद माना जाता है। कई लोग इस दिन उपवास रखकर भगवान गणेश का ध्यान करते हैं।

* धन और समृद्धि: भगवान गणेश को धन और समृद्धि का देवता माना जाता है। इस दिन उनकी उपासना से आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद होती है।

* आध्यात्मिक उन्नति: इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और मन की शांति मिलती है।

* सदाचार और नैतिकता: इस दिन के व्रत से व्यक्ति में सदाचार और नैतिकता की भावना जागृत होती है, जिससे वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

 

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