इस बार बांग्लादेश में हिंसक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना (PM Sheikh Hasina) के इस्तीफे की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री (PM Sheikh Hasina) ने आंदोलन के नाम पर हिंसा करने वालों को आतंकवादी करार दिया है। उनका कहना है कि देश भर में विरोध के नाम पर "तोड़फोड़" करने वाले लोग आतंकवादी है न की छात्र।''
PM Sheikh Hasina: बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की वजह से हालात बिगड़ते नजर आ रहें हैं। इसी बीच अब तक बांग्लादेश में 19 पुलिसकर्मियों सहित करीब 100 लोगों की मौत हो चूकिं है। प्रदर्शनकारियों ने नौकरी में आरक्षण खत्म करने और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री (PM Sheikh Hasina) को इस्तीफे देने की मांग की है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा के चलते यह घटना हुई है। इस हिंसक घटना में सैकड़ों लोग घायल हो गए। अभी भी हालात इतने गंभीर हैं कि पूरे बांग्लादेश देश में कर्फ्यू लगाया गया है और साथ ही इंटरनेट सेवा को भी बंद करने का आदेश दिया गया है।
हादसे में कई पुलिसकर्मी हुए घायल
जानकारी के मुताबिक, छात्रों द्वारा लंबे समय से सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था, इसी बीच यह प्रदर्शन रविवार (4 August) को उग्र हो गया था। ऐसे में प्रदर्शनकारियों ने मांग रखी है कि पीएम शेख हसीना इस्तीफा दें।' जानकारी के अनुसार, देश भर में गोलीबारी, झड़पों और जवाबी कार्रवाई में 19 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई हैं। जहां 13 पुलिसकर्मी एक ही स्थान थानेसिराजगंज के इनायतपुर में मारे गए, जिनमें से करीब 300 पुलिसकर्मी घायल बताए गए हैं।
जानें क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों की मांग यह है कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त करें। बता दें कि इस मुद्दे पर कई बार बांग्लादेश में हिंसा भड़क चुकी है। इससे पहले जब हिंसा भड़की थी, तब कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा था। लेकिन फिर भी हिंसक घटनाओं में कमी नहीं आई, परन्तु अब प्रदर्षनक्रियों ने मांग की है कि शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे।''
जानकारी के मुताबिक, अभी तक हुई हिंसक घटना में 11,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालय, उनके नेताओं के आवासों और पुलिस स्टेशनों पर हमला किया। इतना ही नहीं बल्कि, कई वाहनों को जला कर राख कर दिया। फ़िलहाल सरकार ने सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बंद करने का दावा किया है।
प्रदर्शनकारियों को दिया आतंकी करार: PM
हसीना ने यह बात कहा कि विरोध के नाम पर "तोड़फोड़" करने वाले लोग छात्र नहीं आतंकवादी हैं। हसीना ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि इन आतंकवादियों को सख्ती से कुचलें। सरकार ने रक्षा अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई है। विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिन के सामान्य अवकाश की घोषणा की है।
प्रदर्शनकारियों ने क्या अपील की है?
इस दौरान बांग्लादेश की पीएम (Sheikh Hasina) ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बिल भुगतान और टैक्स न जमा करने की अपील की है, और रविवार को काम पर न जाने की भी अपील की। इस दौरान रविवार (4 August) को प्रदर्शनकारियों ने खुले प्रतिष्ठानों और कार्यालयों पर भी हमला किया, जिसमें ढाका के बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल और यूनिवर्सिटी शाहबाग इलाके में एक अस्पताल, भी शामिल था। ढाका में स्थित स्थानीय लोगों ने कहा कि उत्तर इलाके में कुछ बम विस्फोट किए गए और गोलियों की आवाज सुनी गई।
पुलिसकर्मियों ने मीडिया को दी जानकारी
एक पुलिसकर्मी ने ढाका के मुंशीगंज जिले के मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि पूरा शहर युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया है। ऐसे में विरोध करने वाले नेताओं ने आंदोलनकारियों से खुद पर बांस की लाठियों से मारने का आदेश दिया। क्योंकि, जुलाई में पुलिस ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के पिछले दौर को कुचल दिया था।
भारत ने जारी की एडवाइजरी
भारत सरकार ने बांग्लादेश में हिंसा को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा न करने को लेकर एडवाइजरी जारी की है। बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने तथा अपनी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने और अपने फोन नंबरों के माध्यम से ढाका में भारतीय लोगों के संपर्क में रहने की सलाह दी है। सरकार ने इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।