भारत में चाइनीज पावरबैंकों पर सख्ती: घटिया गुणवत्ता के कारण दो कंपनियों पर प्रतिबंध, तीसरी पर जांच जारी

भारत में चाइनीज पावरबैंकों पर सख्ती: घटिया गुणवत्ता के कारण दो कंपनियों पर प्रतिबंध, तीसरी पर जांच जारी
Last Updated: 1 दिन पहले

भारत में चाइनीज उत्पादों को लेकर पहले से ही सख्त रुख अपनाया गया है, और अब सरकार ने घटिया गुणवत्ता वाले पावरबैंकों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। दो प्रमुख चाइनीज कंपनियों Guangdong Cvasun New Energy Technology और Ganzhou Novel Battery Technology पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि एक अन्य कंपनी Ganzhou TaoYuan New Energy की जांच की जा रही है। ये कंपनियां भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले पावरबैंकों के लिए लिथियम बैटरियां सप्लाई करती थीं।

घटिया पावरबैंकों का पर्दाफाश

चीन से आयात किए गए पावरबैंकों में दावा की गई क्षमता और असल क्षमता में बड़ा अंतर पाया गया। कई उत्पाद जो खुद को 10,000mAh क्षमता का बताते थे, असल में केवल 4,000-5,000mAh की क्षमता के थे। इस प्रकार, ग्राहकों को धोखा देते हुए खराब गुणवत्ता वाले उत्पाद बेचे जा रहे थे।

BIS की जांच और कार्रवाई

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने इन कंपनियों द्वारा बनाए गए पावरबैंकों के रैंडम परीक्षण किए। परीक्षण में पाया गया कि ये कंपनियां BIS से मंजूरी पाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले नमूने भेजती थीं, लेकिन वास्तविक उत्पादों में घटिया बैटरियां लगाई जाती थीं। इसके चलते, BIS ने इन कंपनियों के पंजीकरण रद्द कर दिए।

कैसे बढ़ती है समस्या?

मंजूरी के बाद ये चीनी कंपनियां भारतीय बाजार में कम गुणवत्ता वाली बैटरियां बेचने लगीं। इन बैटरियों की लागत सामान्य से 25% तक कम होती थी, जिससे भारतीय कंपनियां इन्हें खरीदकर सस्ते पावरबैंक बनाती थीं। इन सस्ते उत्पादों से बाजार में प्रतिस्पर्धा तो प्रभावित होती ही थी, साथ ही ग्राहक सुरक्षा और परफॉर्मेंस के मामले में नुकसान उठाते थे।

क्यों जरूरी है यह कदम?

पावरबैंक आज की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। घटिया गुणवत्ता वाले उत्पाद न केवल ग्राहकों का विश्वास तोड़ते हैं, बल्कि बैटरी फटने जैसी खतरनाक घटनाओं का खतरा भी बढ़ाते हैं। सरकार का यह कदम न सिर्फ भारतीय बाजार की सुरक्षा के लिए जरूरी था, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए भी।

क्या हो सकता है आगे?

सरकार ने पहले भी चाइनीज ऐप्स और उत्पादों पर प्रतिबंध लगाकर सख्त संदेश दिया है। इस मामले में एक और कंपनी की जांच जारी है। संभावना है कि आने वाले समय में इस तरह की और कंपनियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

ग्राहकों को क्या करना चाहिए?

ग्राहकों को किसी भी पावरबैंक को खरीदने से पहले उसकी क्षमता और गुणवत्ता की जांच जरूर करनी चाहिए। हमेशा प्रमाणित ब्रांड्स का चुनाव करें और उत्पाद के BIS मार्क की जांच करें।

चीन से आयातित घटिया गुणवत्ता वाले उत्पादों पर सख्ती भारत सरकार का सही कदम है। इससे न केवल बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं के हित भी सुरक्षित रहेंगे। यह कार्रवाई भारतीय उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने और सुरक्षित उत्पाद उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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