वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारियों के वेश-भूषा में पुलिसकर्मियों को तैनात करने पर सपा के संस्थापक अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई है। अखिलेश ने इस कमिश्नर को निलंबित करने की मांग की।
Kashi Vishwanath Temple: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारियों की वेश-भूषा में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। यह फैसला वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के आदेश पर लिया गया है जिसके तहत मंदिर में पुजारी की पोशाक में पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। जहां पुरुष पुलिसकर्मी धोती-कुर्ता पहने हुए हैं, वहीं महिला पुलिसकर्मी सलवार कुर्ता पहने हुए नजर आएंगे। कमिश्नर के इस फैसले पर अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई और सरकार व प्रशासन पर निशाना साधा है।
पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों की तैनाती
subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी कमिश्नर के फैसले के बाद पुलिसकर्मियों ने पुजारी की तरह धोती, कुर्ता और माथे पर तिलक लगाया है। पुलिस का कहना है कि इस फैसले से मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए माहौल को और अच्छा बनाने में मदद मिलेगी। विश्वनाथ मंदिर में पुरुष पुलिसकर्मी धोती-कुर्ता पहने हुए हैं, वहीं महिला पुलिसकर्मी सलवार कुर्ता पहने हुए नजर आए। इसके साथ ही गले में रुद्राक्ष माला धारण किए हुए। बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालु पुजारियों का सम्मान करते हैं। इस वेश में सभी पुलिसकर्मियों की बात मानेंगे।
कमिश्नर ने बताया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि शुरू में इसे ट्रायल बेस पर 15 दिनों के लिए शुरू किया गया है, जिसके बाद इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने मिडिया व वहां मौजूद अन्य प्रशासनिक अधिकारीयों को बताया कि इससे पहले भी वर्ष 2018 में इसका ट्रायल किया गया था लेकिन किसी कारणवश ट्रायल के बाद इस फैसले पर रोक लग दी गई थी।
कमिश्नर फैसले पर भड़के अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा कि -''पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों का होना किस ‘पुलिस मैन्युअल’ के हिसाब से सही है? इस तरह का आदेश देने वालों को निलंबित किया जाना चाहिए। कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा, तो उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा? यह फैसला निंदनीय है।''
कमिश्नर अग्रवाल का फैसला
मिली जानकारी के अनुसार, काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड तोड़ बढ़ती चली जा रही है। इसको लेकर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। जिसके तहत काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में पुलिसकर्मियों को भी की पुजारियों की तरह वेशभूषा पहननी होगी। यहां तैनात सभी सुरक्षाकर्मी गले में रुद्राक्ष माला, माथे पर त्रिपुंड और गेरुआ वेशभूषा में दिखाई देंगे।
पुलिस के मुताबिक, मंदिर परिसर में पुलिसकर्मी तैनात होते हैं, इससे दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को धक्का-मुक्की का भी सामना करना पड़ा रहा था। बार-बार उनके साथ दुर्व्यवहार जैसी शिकायतें भी मिल रही थीं। इसी बात का संज्ञान लेते हुए यह फैसला लिया गया कि मंदिर के पुलिस डिपार्टमेंट की अलग व्यवस्था होनी चाहिए, जिसके लिए मंदिर के गर्भगृह में विशेष तौर पर पुजारियों के वेश में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने कहा
subkuz.com टीम को मिलइ अपडेट के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (कमिश्नर) ने कहा कि इस फैसले का मकसद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर माहौल और पुलिस से जुड़ी किसी भी प्रकार की नकारात्मक धारणा को दूर करना है। मंदिर में ड्यूटी अन्य जगहों से अलग है। वहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगती हैं, तो काफी लोगों को परेशानी होती है और इसे कम करने के लिए वहां तैनात पुलिस श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन सुनिश्चित करने, उनकी सहायता और मार्गदर्शन करने के लिए है। यहां भीड़ कानून और व्यवस्था की समस्या को पैदा करना नहीं है।
कमिश्नर अग्रवाल ने बताय कि मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए 3 दिनों की कम्युनिकेशन स्किल ट्रेनिंग होगी क्योंकि, मंदिर की ड्यूटी अन्य जगहों से अलग है। रस्सियों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसकी मदद से श्रद्धालु कतार में लगकर दर्शन कर पाएं। इसके अलावा मंदिर में जो पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे, उनको मृद भाषी के साथ अन्य भाषाओं के बारे में भीबताया जाएगा। ताकि दूसरे राज्यों से आए श्रद्धालुओं को समझा सकें।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर वीआईपी मूवमेंट के समय पुलिसकर्मी, श्रद्धालुओं को हटा देते हैं जिससे उन्हें ठेस पहुंचती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जानकारी के अनुसार करीब 800 सुरक्षाकर्मी काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए बारी-2 से तैनात रहते हैं, जिनमें से किसी भी समय करीब 250 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर होंगे हैं। साथ ही वहां की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा।