दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले 'अष्टलक्ष्मी महोत्सव' में पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक विरासत की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में तीन दिवसीय ‘अष्टलक्ष्मी महोत्सव' का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया जा रहा है और इसमें पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न राज्यों की विशाल सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।
पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की सांस्कृतिक का प्रदर्शन
इस महोत्सव में दिल्ली के भारत मंडपम में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा 6 से 8 दिसंबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें शिल्प, कला, संस्कृति और पूर्वोत्तर की विविधता का व्यावसायिक रूप से प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना के तहत यह महोत्सव विकसित भारत के लक्ष्य को पाने में पूर्वोत्तर क्षेत्र की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करेगा।
महोत्सव में कई कार्यक्रम होंगे आयोजित
महोत्सव में महिला नेतृत्व, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, खेल, कला और संस्कृति पर विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर राज्यों की न केवल सांस्कृतिक बल्कि आर्थिक और सामाजिक प्रगति को भी उजागर करेगा।
मंडपों और ग्रामीण हाट बाजार से कारोबार
इस महोत्सव में आठ राज्यों के मंडपों और एक ग्रामीण हाट बाजार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 40-40 कारीगर और किसान भाग लेंगे। इन मंडपों से लगभग 2 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा, क्रेता-विक्रेता बैठक से एक करोड़ रुपये के अतिरिक्त कारोबार की संभावना है।
वैश्विक बाजार से जुड़ेगा ग्रामीण शिल्प
कार्यक्रम में विशेष ध्यान ग्रामीण शिल्प को वैश्विक बाजार से जोड़ने पर दिया जाएगा। इसमें 33 जीआई-टैग किए गए उत्पादों के साथ-साथ मुगा और एरी रेशम पर दो प्रदर्शनियां भी होंगी। इस महोत्सव में प्रसिद्ध शिलांग चैंबर क्वाइअर के साथ तीन रातों तक लाइव प्रदर्शन होंगे, जो दर्शकों को एक अनोखा सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेंगे।