आंदोलनकारी किसान नेताओं के साथ तीन केंद्रीय मंत्रियों की चंडीगढ़ में देर रात मैराथन मीटिंग, फिर भी बातचीत बेनतीजा रही
किसान आंदोलन 2024: पंजाब और हरियाणा की दो सीमा चौकियों के रास्ते दिल्ली कूच करने को लेकर किसानों और पुलिस के बीच जारी गतिरोध के बीच तीन केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं के साथ गुरुवार को चंडीगढ़ में तीसरे दौर की मैराथन मीटिंग की। किसानो के 'दिल्ली चलो' आंदोलन पर केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि आंदोलनकारी किसानों को वार्ता के जरिये समझा कर उनके प्रदर्शन को रोका जाये। मिली जानकारी के मुताबिक, पहले यह मैराथन मीटिंग शाम 5 बजे से शुरू होने वाली थी। लेकिन ये रात 8 बजे से शुरू हुई। चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (State Institute of Public Administration) में आयोजित किसान और केंद्रीय मंत्रियों की मीटिंग में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए।
कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के MSP की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की विभिन्न मांगों पर जारी वार्ता मीटिंग में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इनके मध्य देर रात तक बातचीत जारी रही। यह दोनों पक्षों की ओर से तीसरे दौर की वार्ता है। subkuz.com की रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बार फिर वार्ता असफल होने की सुचना मिली।
केंद्र सरकार द्वारा किसानों को समझाने की कार्यविधि
बताया गया कि किसानों और सरकार के मध्य इससे पहले भी 2 बार वार्ता मीटिंग 8 और 12 फरवरी को हुई थी, जो बेनतीजा रही थी। किसानों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच तीसरे दौर की बैठक गुरुवार (15 फरवरी) को रखी, जिसमें तीन केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। साथ ही मीटिंग में पंजाब के CM भगवत मान सिंह भी उपस्थित रहे। मीटिंग में से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों के मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक में शामिल तीनों केंद्रीय मंत्रियों से बात करनी चाहिए।
प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मान ली जाये : पंधेर
मीटिंग में किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर शामिल हैं। इन दोनों संगठनों ने ही अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया है।
पंजाब के किसानों ने मंगलवार (13 फरवरी)| को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया, लेकिन प्रशासन ने उन्हें हरियाणा के साथ शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर रोक दिया। शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसान नेताओं ने कहा कि वे मंत्रियों के साथ बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं करेंगे। हम चाहते हाँ कि PM मोदी स्वयं प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करें और किसानों की मांगों का समाधान करें।किसानों को शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करने की भी अनुमति दें।
Update : आंदोलनकारी किसानों के प्रदर्शन
किसानों के 'दिल्ली चलो' मोर्चा प्रदर्शन पर किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने मिडिया को बताया कि आज 3 फैसले लिए गए हैं, जिनमें -
1. प्रदर्शनकारी किसान कल 3 घंटे के लिए हरियाणा को टोल फ्री (toll free) रखेंगे।
2. परसों शनिवार को दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक हर तहसील में ट्रैक्टर परेड होगी।
3. सभी किसान और मजदूर संगठनों की 18 फरवरी को संयुक्त बैठक होगी, जिसमें आगे के फैसले लिए जाएंगे।