Bhopal Gas Tragedy Day 2024: 39 साल बाद भी न्याय की उम्मीद, छह जनवरी को होगा ऐतिहासिक फैसला

Bhopal Gas Tragedy Day 2024: 39 साल बाद भी न्याय की उम्मीद, छह जनवरी को होगा ऐतिहासिक फैसला
Last Updated: 2 दिन पहले

भोपाल गैस त्रासदी दिवस, जिसे हर साल 3 दिसंबर को मनाया जाता है, 1984 में घटित एक भीषण औद्योगिक दुर्घटना की याद में है। इस त्रासदी में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCC) के प्लांट से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ था, जिससे हजारों लोगों की मौत हुई और लाखों अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हुए। यह घटना इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक मानी जाती हैं।

एक दिन की याद से अधिक

भोपाल गैस त्रासदी दिवस हर साल पीड़ितों की याद में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रमों और प्रदर्शन का अवसर बनता है, साथ ही यह औद्योगिक सुरक्षा और पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा देने का दिन भी है। यह दिन न केवल त्रासदी में मारे गए लोगों की याद में होता है, बल्कि यह एक संघर्ष की ओर भी इशारा करता है, जिसमें पीड़ितों को अभी भी न्याय की उम्मीद है। 39 साल बाद भी पीड़ितों को न्याय का इंतजार हैं।

भोपाल गैस कांड का कानूनी संघर्ष

भोपाल गैस कांड के मामले में लंबी कानूनी लड़ाई जारी है। पिछले कुछ वर्षों में इस मामले की कई सुनवाई हुईं, और अब पीड़ितों को न्याय दिलाने की उम्मीद एक बार फिर जगी है। इस मामले की आगामी अंतिम सुनवाई 6 जनवरी, 2024 को भोपाल जिला न्यायालय में होगी, जहां डाउ केमिकल्स के खिलाफ फैसले की संभावना जताई जा रही हैं।

इससे पहले, नवंबर 2023 में डाउ केमिकल्स के वकील ने अदालत के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया था, लेकिन इस पर भोपाल ग्रुप फोर इन्फोर्मेशन एंड एक्शन के वरिष्ठ अधिवक्ता अवी सिंह ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 2012 में इस मामले में क्षेत्राधिकार को लेकर फैसला दिया था।

कंपनी को भेजे गए समन और स्थिति

39 साल में, डाउ केमिकल्स को सात बार समन भेजे गए थे, जिसमें हाल ही में तामील किए गए समन ने इस मामले में एक नई उम्मीद जगा दी है। पहली बार कंपनी का प्रतिनिधि अदालत में उपस्थित हुआ और अपना पक्ष रखा, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस बार मामला कुछ अलग मोड़ पर जा सकता है।

संसद से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक

भोपाल गैस कांड का मामला न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठ चुका है। अमेरिकी संसद में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था, लेकिन डाउ केमिकल्स ने हमेशा अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की। इसके बावजूद, पीड़ितों और उनके परिवारों की कानूनी लड़ाई अब तक जारी है, और छह जनवरी की सुनवाई इस संघर्ष के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती हैं।

न्याय की उम्मीद

भोपाल गैस कांड में 39 साल बाद भी पीड़ितों के लिए न्याय की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है, लेकिन इस अंतिम सुनवाई से जुड़ी उम्मीदों ने नए जोश को जन्म दिया है। अगर अदालत इस मामले में डाउ केमिकल्स के खिलाफ ठोस कदम उठाती है, तो यह एक ऐतिहासिक कदम होगा जो त्रासदी के शिकारों को कुछ हद तक न्याय दिला सकता है।

आखिरकार, 6 जनवरी 2024 की सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी होंगी, क्योंकि यह पीड़ितों के लिए न्याय का रास्ता खोल सकती हैं।

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