Chamoli Glacier Burst: चमोली हिमस्खलन के तीसरे दिन भी जारी बचाव अभियान, GPR से लापता मजदूरों की तलाश तेज

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उत्तराखंड के चमोली जिले में हुए विनाशकारी हिमस्खलन के तीसरे दिन भी बचाव कार्य जारी है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर के पास हुए इस हादसे में 50 मजदूरों को बचा लिया गया, लेकिन चार की मौत हो गई।

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में हुए विनाशकारी हिमस्खलन के तीसरे दिन भी बचाव कार्य जारी है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर के पास हुए इस हादसे में 50 मजदूरों को बचा लिया गया, लेकिन चार की मौत हो गई, जबकि चार मजदूर अब भी बर्फ के नीचे दबे हुए हैं। प्रशासन ने उनकी खोज के लिए ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) मंगवाया है ताकि गहरी बर्फ के अंदर फंसे लोगों का पता लगाया जा सके।

रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम बना चुनौती

हिमस्खलन शुक्रवार (1 मार्च 2025) को सुबह 5:30 से 6 बजे के बीच माणा और बद्रीनाथ के बीच हुआ। शुरुआती बचाव अभियान में खराब मौसम और भारी बर्फबारी के कारण कई बार बाधाएं आईं, जिससे ऑपरेशन धीमा पड़ा। हालांकि, शनिवार को मौसम थोड़ा अनुकूल होने पर सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें फिर से एक्टिव हो गईं और अभियान को तेज किया गया।

बचाव में जुटे छह हेलीकॉप्टर और विशेष उपकरण

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन में छह हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं, जिनमें से तीन थलसेना, दो वायुसेना और एक किराए पर लिया गया असैन्य हेलीकॉप्टर शामिल है।
इसके अलावा, सेना यूएवी (ड्रोन), क्वाडकॉप्टर, और विशेष हिमस्खलन बचाव कुत्तों की मदद से भी बर्फ में दबे लोगों को खोजने का प्रयास कर रही है।

GPR तकनीक से मिलेगी मदद

बर्फ में दबे मजदूरों की तलाश के लिए दिल्ली से ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) मंगाया गया है। यह तकनीक बर्फ की मोटी परतों के नीचे दबी वस्तुओं और लोगों का सटीक पता लगाने में सक्षम होती है।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता के अनुसार, बीआरओ कैंप में रखे आठ कंटेनरों में से पांच का पता लगा लिया गया है, जबकि तीन अब भी बर्फ में दबे हुए हैं। रडार की मदद से इन कंटेनरों का सटीक स्थान पता कर लापता मजदूरों की खोज युद्ध स्तर पर की जा रही है।

मृतकों की पहचान 

* मोहिंद्र पाल (हिमाचल प्रदेश)
* जितेंद्र सिंह (हिमाचल प्रदेश)
* मंजीत यादव (उत्तर प्रदेश)
* आलोक यादव (उत्तराखंड)

मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर से हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि रेस्क्यू ऑपरेशन को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा, "प्रभावित मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सरकार हर संभव संसाधन झोंक रही है।"

हिमस्खलन के कारण बद्रीनाथ-जोशीमठ राजमार्ग 15-20 जगहों पर अवरुद्ध हो गया है, जिससे सड़क मार्ग से राहत कार्यों को अंजाम देना कठिन हो गया है। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) की टीमें सड़क को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास में लगी हुई हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन के अगले कदम

* GPR और ड्रोन की मदद से लापता मजदूरों की तलाश
* हेलीकॉप्टरों से राहत सामग्री की आपूर्ति
* बर्फ हटाकर दबे कंटेनरों तक पहुंचने का प्रयास
* जोशीमठ और ऋषिकेश के अस्पतालों में घायलों का इलाज

बचाव दल के अनुसार, अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि मौसम की स्थिति अगर बिगड़ती है, तो ऑपरेशन में देरी हो सकती है। सेना, NDRF और अन्य एजेंसियां हर संभव प्रयास कर रही हैं ताकि बाकी मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके।

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