दिल्ली में एक बार फिर से पेयजल का खतरा मंडरा रहा है। पूरी दिल्ली में अगले 1-2 दिन में लोगों को भारी जल संकट की स्थिति का सामना करना पड़ सकता हैं। दिल्ली सरकार की जलमंत्री आतिशी ने हरियाणा से अपर्याप्त पानी मिलने की जानकारी देने के लिए उपराज्यपाल से आपातकालीन बैठक के लिए समय की मांग की हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने मौजूदा जल संकट को देखते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना से पानी की समस्या को लेकर बैठक करने के लिए समय देने की अपील की हैं। दिल्ली में एक बार फिर से पेयजल का खतरा मंडरा रहा है। पूरी दिल्ली में अगले 1-2 दिन में लोगों को भारी जल संकट की स्थिति का सामना करना पड़ सकता हैं। जल मंत्री जी ने कहां कि दिल्ली को सीएलसी और डीएसबी उप-नहरों के जरिये मुनक नहर से रोजाना 1050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए था, लेकिन वर्तमान में 840 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है। इतनी गिरावट होने के कारण दिल्ली की जलापूर्ति को पूरा नहीं किया जा सकता हैं।
जल मंत्री ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से आपात बैठक के लिए माँगा समय
Subkuz.com ने बताया कि दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट डालकर लिखा कि दिल्ली के सात जल शोधन संयंत्र मुनक नहर के पानी पर निर्भर हैं। अगर एक-दो दिन में पानी की मात्रा नहीं बढ़ाई गई तो पूरी दिल्ली में जलापूर्ति को लेकर स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ जाएगी।एलजी केंद्र सरकार के प्रतिनिधि है, इसलिए इस समस्या का समाधान उन्हें ही करना होगा। दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि सभी डब्ल्यूटीपी गर्मी को देखते हुए अपनी क्षमता से अधिक पेयजल उपलब्ध करा रहे हैं। रेनीवेल एवं ट्यूबवेल से 135 एमजीडी पानी प्राप्त हो रहा हैं।
हरियाणा से पर्याप्त पानी की मांग
जल मंत्री आतिशी ने कहां कि हरियाणा सरकार ने दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़ा तो आने वाले दो दिनों में पूरी राजधानी में जल संकट आ सकता है। आतिशी ने शनिवार (8 जून) को बवाना स्थित मूनक नहर की दो उप नहरों कैरियर लाइन नहर (सीएलसी) और दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) के निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरियाणा सरकार पर दिल्ली के हिस्से का पूरा पानी नहीं छोड़ने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहां कि मूनक नहर से प्रतिदिन दिल्ली को 1,050 क्यूसेक पानी मिलता है। लेकिन हरियाणा इस समय 840 क्यूसेक पानी ही छोड़ रहा हैं।
दिल्ली के लोग घरेलू उपयोग के पानी के लिए मुख्य तौर पर यमुना के जल पर निर्भर है। दिल्ली के सात जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) में यमुना का पानी ही आता है। पिछले वर्षों की गर्मी में हरियाणा की ओर से प्रतिदिन 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ने पर दिल्ली तक लगभग 990 क्यूसेक पानी ही पहुंचता है। दिल्ली के बवाना में लगे फ्लो मीटर में इसकी रीडिंग मापी गई थी। वजीराबाद जलाशय का सामान्य जल स्तर 674.50 फीट रहता है, लेकिन कम पानी की आवक से यह घटकर 669 फीट रह गया हैं।