दिल्ली के नरेला इलाके में आज सुबह एक भीषण हादसा हुआ, जब एक मकान की छत ढहने से एलपीजी गैस पाइपलाइन में रिसाव हो गया, जिसके कारण भयंकर आग लग गई। इस हादसे में तीन बच्चों सहित कुल 6 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
घटना दिल्ली के पंजाबी कॉलोनी इलाके के शनि मंदिर के पास स्थित एक फ्लैट में सुबह लगभग 7:54 बजे हुई। दिल्ली फायर सर्विस को पीसीआर कॉल के जरिए आग की सूचना मिली, जिसके बाद तुरंत दो दमकल गाड़ियों को घटना स्थल पर भेजा गया। दमकल कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक गैस रिसाव के कारण भीषण आग ने घर को अपनी चपेट में ले लिया था।
आग की वजह और घायलों की स्थिति
पुलिस और फायर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह आग गैस सिलेंडर के ब्लास्ट से नहीं बल्कि गैस पाइपलाइन के रिसाव से लगी थी। मकान की छत ढहने के दौरान गैस पाइपलाइन टूट गई, जिससे गैस लीक होकर आग का रूप ले लिया। हादसे में झुलसे हुए छह लोगों में से सभी 40-45 प्रतिशत तक जल चुके हैं, जिनका इलाज पास के राजा हरीश चंद्र अस्पताल में चल रहा है। घायलों की स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पिछले हफ्ते भी हुआ था बड़ा हादसा
यह हादसा दो दिन बाद हुआ है, जब नरेला के एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई में भीषण आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। श्याम कृपा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नामक फैक्ट्री में आग लगने से छह अन्य लोग घायल हो गए थे। इस घटना को नियंत्रित करने के लिए 14 दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गई थीं। मृतकों की पहचान श्याम (24), राम सिंह (30) और बीरपाल (42) के रूप में हुई।
फायर विभाग और पुलिस इस हादसे के कारणों की जांच कर रहे हैं। माना जा रहा है कि गैस पाइपलाइन के पुराने होने और रखरखाव की कमी से यह हादसा हुआ। प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों को आग से बचाव के उपायों और गैस उपकरणों की सही देखभाल पर जोर देने की सलाह दी है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
दिल्ली में लगातार बढ़ रही आग की घटनाएं स्थानीय प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए फायर विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।