Haryana Politics: मेयर चुनाव में बढ़ा सियासी पारा!  BJP-कांग्रेस में भिड़ंत, जूही बब्बर की एंट्री की चर्चा तेज 

Haryana Politics: मेयर चुनाव में बढ़ा सियासी पारा!  BJP-कांग्रेस में भिड़ंत, जूही बब्बर की एंट्री की चर्चा तेज 
Last Updated: 31 दिसंबर 2024

गुड़गांव मेयर चुनाव में भाजपा से ऊषा प्रियदर्शी और कांग्रेस से जूही बब्बर के मैदान में उतरने की चर्चा है। दोनों संवाद कला में निपुण हैं और साइबर सिटी के लिए प्रभावी मेयर साबित हो सकती हैं।

Election: गुड़गांव में साइबर सिटी के मेयर के चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। आईटी, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल और मेडिकल टूरिज्म सेक्टर में अपनी पहचान रखने वाले इस शहर के मेयर पद के लिए भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बीच घमासान तय है।

भाजपा से महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ऊषा प्रियदर्शी और कांग्रेस से राज बब्बर की बेटी जूही बब्बर के मैदान में उतरने की चर्चा है। दोनों ही नेता संवाद कला में माहिर हैं और अपनी-अपनी पार्टियों के मजबूत चेहरों के रूप में उभरी हैं।

भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर ऊषा प्रियदर्शी और जूही बब्बर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं, तो मुकाबला बेहद रोचक हो सकता है। ऊषा प्रियदर्शी भाजपा की तेजतर्रार नेता हैं, जबकि जूही बब्बर अपने पिता राज बब्बर के चुनाव प्रचार के दौरान अपनी संवाद कला और लोगों से जुड़ने की क्षमता के कारण सुर्खियां बटोर चुकी हैं। जूही ने अपने पिता के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे कांग्रेस ने गुड़गांव में प्रभावशाली प्रदर्शन किया।

सीट आरक्षित होने से बदला समीकरण

गुड़गांव नगर निगम के चुनाव में मेयर का पद बीसी (ए) वर्ग के लिए आरक्षित हो गया है। इस आरक्षण ने कई बड़े दावेदारों को निराश किया है, जो पिछले कई महीनों से प्रचार में जुटे थे। भाजपा के लगभग 10 दिग्गज नेता इस पद के लिए तैयारी कर रहे थे, लेकिन आरक्षण के बाद अब मुकाबला सीमित हो गया है। कांग्रेस ने भी इस स्थिति में जूही बब्बर को मैदान में उतारने की योजना बनाई है, जिससे पार्टी को मजबूत दावेदार मिलने की संभावना है।

दोनों उम्मीदवारों की क्षमताओं पर चर्चा

ऊषा प्रियदर्शी और जूही बब्बर, दोनों ही संवाद कला में माहिर हैं और साइबर सिटी के मेयर पद के लिए उपयुक्त मानी जा रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों का चुनाव मैदान में आना साइबर सिटी के विकास और राजनीति के लिए अच्छा संकेत होगा। हालांकि, जानकारों का यह भी कहना है कि मेयर का पद सामान्य होना चाहिए था, ताकि हर वर्ग के लोग इस चुनाव में हिस्सा ले पाते। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और कांग्रेस के बीच इस चुनावी मुकाबले में जनता किसे अपना मेयर चुनती है।

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