ISRO Launch 'PUSHPAK': ISRO ने हासिल की बड़ी कामयाबी, कर्नाटक में 'पुष्पक|' का सफल परीक्षण

ISRO Launch 'PUSHPAK': ISRO ने हासिल की बड़ी कामयाबी, कर्नाटक में 'पुष्पक|' का सफल परीक्षण
Last Updated: 27 मार्च 2024

ISRO (Indian Space Research Organisation) को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में शुक्रवार (२२ मार्च) को एक बहुत बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इसरो ने री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल 'पुष्पक' का सफलतापूर्वक परीक्षण संपन्न किया। इस दौरान पुष्पक ने ऑटोमैटिक तरीके से रनवे पर लैंडिग करके दिखाया।

कर्नाटक: इसरो के वैज्ञानिकों ने शुक्रवार एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया। इसरो को री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल यानी RLV के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग में स्थित  एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में शुक्रवार (२२ मार्च 2024) को सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल 'पुष्पक' का परीक्षण (Testing) किया गया।

अधिकारी ने Subkuz.com को बताया कि इस परीक्षण के दौरान पुष्पक ऑटोमैटिक तरीके से रनवे पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ। इसे इसरो के लिए एक बड़ी कामयाबी समझा जा रहा है। इस परीक्षण के माध्यम से इसरो ने री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल की ऑटोनोमस लैंडिक की क्षमता का दिखावा (प्रदर्शन) किया। इसरो ने पंखों वाले इस व्हीकल को अधिक कठिन युद्धाभ्यास, क्रॉस रें और डाउनरेंज दोनों को सही करने और ऑटोनोमस मोड में रनवे पर उतरने के लिए तैयार किया हैं।

इसरो ने परीक्षण के बारे में क्या कहां?

ISRO ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी सांझा करते हुए कहां कि पिछले साल २०२३ में  RLV-LEX 01 का मिशन पूरा हुआ था। इसके बाद अब 2024 में RLV-LEX 02 का टेस्ट किया गया, जो सफल हुआ हैं। पुष्पक ने हेलीकॉप्टर से बाहर निकलकर 15,000 फिट की ऊंचाई से प्रारंभिक स्थितियों में ही RLV की स्वायत्त लैंडिग की क्षमता का प्रदर्शन किया।

जानकारी के मुताबिक अधिकारी ने बताया की 'पुष्पक' को भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से ऊपर आसमान में ले जाया गया और 4.7 किलोमीटर की ऊंचाई से नीचे की ओर छोड़ा गया। लैंडिंग के दौरान रनवे से 4 किमी की दुरी पर रिलीज होने के बाद पुष्पक ने अपने आप ही क्रॉस रेंजे सुधारने के साथ रनवे पर सफलतापूर्वक उतरा हैं।

जाने 'पुष्पक' की विशेषताएं

अधिकारी ने बताया कि पुष्पक एक री-यूजेबल लॉन्चिंग ऑटोमेटिक विमान है। यह विमान उन हवाई जहाजों (प्लेन) जैसा दिखाई देता है, जिनके पंख होते हैं। इसका वजन तकरीबन 1.73 टन है। यह विमान अंतरिक्ष तक पहुंच को आसान और किफायती बनाने में कारगर सिद्ध हो सकता है। पुष्पक अधिक जटिल परिस्थितियों में रोबोटिक की सुरक्षित लैंडिंग में सहायता कर सकता है।

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