जयशंकर का बड़ा बयान! टैरिफ वॉर 'हकीकत', वैश्विक व्यापार पर असर

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विश्वभर में टैरिफ वॉर हो रहा है, जिसका असर भारत पर भी पड़ रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "चाहे पसंद हो या न हो, टैरिफ और प्रतिबंध हकीकत हैं।"

Tariff War: विश्वभर में व्यापार के क्षेत्र में टैरिफ बढ़ाने और विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों के प्रभाव को देखा जा रहा है। इस प्रवृत्ति पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चाहे हमें यह पसंद हो या नहीं, टैरिफ और प्रतिबंध अब एक सच्चाई बन गए हैं। जयशंकर ने यह टिप्पणी नई दिल्ली में आयोजित रायसीना संवाद के दौरान पैनल चर्चा "कमिसार और पूंजीपति: राजनीति, व्यापार और नई विश्व व्यवस्था" कार्यक्रम में की। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर विभिन्न टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

टैरिफ और प्रतिबंधों को स्वीकार करने की आवश्यकता

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कई देश अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए टैरिफ और प्रतिबंधों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह एक वैश्विक हकीकत बन चुकी है, जिसे स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा, "चाहे हमें पसंद हो या नहीं, टैरिफ और प्रतिबंध अब व्यापार की वास्तविकता बन गए हैं।"

"आप रोजगार के लिए लड़ रहे हैं"

जयशंकर ने कहा कि यह सच्चाई है कि दुनिया में हर कोई अपने कारोबार और रोजगार के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार और कारोबार किसी भी देश की राष्ट्रीय शक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और इसे सुरक्षित रखने के लिए यह जरूरी है कि देशों को अपने आर्थिक हितों के खिलाफ समझौता न करना पड़े। उन्होंने यह भी माना कि वर्तमान समय में अंतर्राष्ट्रीय संबंध पहले की तुलना में अधिक मुक्त और बिना किसी बड़ी रोक-टोक के हैं।

अमेरिका और टैरिफ की बढ़ती दरें

इससे पहले, 13 मार्च को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविक्ट ने कहा था कि अमेरिका विभिन्न देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ से चिंतित है। उन्होंने यह भी जिक्र किया कि भारत ने अमेरिकी शराब और कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाए हैं। यह बयान अमेरिका द्वारा अपने व्यापारिक रिश्तों की समीक्षा करते हुए दिया गया था।

ट्रंप का पारस्परिकता पर जोर

कैरोलिन लेविक्ट ने यह भी बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पारस्परिकता में विश्वास करते हैं और उनका मानना है कि व्यापार प्रथाओं में निष्पक्षता और संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए। उनका कहना था कि अमेरिका में टैरिफ बढ़ाने से पहले अन्य देशों को भी अपने व्यापार प्रथाओं को सुधारने की जरूरत है, ताकि दोनों पक्षों के लिए संतुलित और निष्पक्ष व्यापार हो सके।

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