Madhy Pradesh News: बुरहानपुर में डायरिया का प्रकोप, दो मासूम बच्चों की मौत, अस्पतालों में आई बेड की कमी

Madhy Pradesh News: बुरहानपुर में डायरिया का प्रकोप, दो मासूम बच्चों की मौत, अस्पतालों में आई बेड की कमी
Last Updated: 29 अप्रैल 2024

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों में देखने को मिल रहा हैं। रविवार को इस बीमारी की चपेट में आने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई।

बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में डायरिया के कहर से छोटे बच्चों की हालत काफी नाजुक हो गई हैं। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण बेड की कमी होने लग गई. एक ही बेड पर तीन-तीन बच्चों को लिटा कर उनका ट्रीटमेंट किया जा रहा है। हालात ऐसे है कि शहर के 5 वार्डों तक इस बीमारी ने अपने पैर पसार लिए है, जिसके कारण रविवार को दो मासूम बच्चों की मौत भी हो गई।

नगर निगम कमिश्नर संदीप कुमार श्रीवास्तव ने Subkuz.com को बताया कि जगह-जगह के पानी की सैंपलिंग करवा रहे हैं। लेकिन अभी तक कहीं पर भी कोई खराबी सामने नहीं आई है। बताया कि पानी में क्लोरीन की मात्रा अधिक होने के कारण भी डायरिया जैसे बीमारी नहीं होती है। यह बीमारी कोई अन्य कारण से फैली है। इंजीनियर्स की चार टीमें घर-घर जाकर नलों के पानी की जांच कर रही हैं।

परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर आरोप

आरएमओ (Resident Medical officer) डा.भूपेंद्र गौर ने मीडिया को बताया कि बच्चे की मौत अस्पताल लाने से पहले रास्ते में ही हो चुकी थी। उल्टी-दस्त से पीड़ित एक दूसरे बच्चे को अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच के बाद दवा देकर घर भेज दिया था, लेकिन परिजनों ने डॉक्टर पर आरोप लगाया कि घर पहुंचने के 2-3 घंटे बाद ही उल्टी-दस्त से पीड़ित बच्चे की मौत हो गई। पीड़ित बच्चे के परिजनों ने अस्पताल में आने के बाद बच्चे को भर्ती करने के लिए कहा था, लेकिन डाक्टरों ने अस्पताल में जगह खाली नहीं होने की बात कहकर दवा दे दी और घर पर भेज दिया। अस्पताल में इलाज नहीं मिलने के कारण बच्चे की मौत हो गई थी।

किस वजह से बढ़ रहे मामले?

बताया कि बुरहानपुर में खराब दूषित पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। पाइप लाइन में लीकेज होने के कारण नाली का गंदा पानी तेजी से पाइप के अंदर जाकर पानी को दूषित कर रहा है, जिससे डायरिया जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है। इस बीच रविवार को कांग्रेसी पार्षदों और नेताओं ने पानी के लीकेज को सुधारने और बच्चों का सही इलाज करने के लिए जिला अस्पताल में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने महापौर और नगर निगम प्रशासन के सख्ती से अपना काम नहीं करने के कारण उनके खिलाफ नारेबाजी भी की।

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