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Maharashtra: सुशांत केस की फिर होगी जांच, BJP विधायक ने किया बड़ा ऐलान

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महाराष्ट्र सरकार ने सुशांत सिंह राजपूत केस की दोबारा जांच के लिए एसआईटी गठित की। बीजेपी विधायक राम कदम ने उद्धव सरकार पर सबूत मिटाने के आरोप लगाए।

Sushant Singh Rajput Death Case: बीजेपी विधायक राम कदम ने दावा किया है कि महाराष्ट्र सरकार ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की दोबारा जांच कराने का फैसला लिया है। इस मामले की जांच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) को सौंपी गई है। उन्होंने यह बयान न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान दिया।

उद्धव सरकार पर सबूत मिटाने के आरोप

राम कदम ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सरकार ने 68 दिनों तक इस केस को सीबीआई को नहीं सौंपा। उन्होंने कहा कि जब मामला सीबीआई को सौंपा गया, तब तक सबूत मिटाए जा चुके थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि सुशांत के घर का फर्नीचर हटाया गया, घर की दीवारों को रंग दिया गया और फिर उसे पुराने मालिक को लौटा दिया गया।

इसके अलावा, बिहार पुलिस को जांच करने से रोका गया था। इन सभी पहलुओं को जोड़कर देखने से स्पष्ट होता है कि उद्धव सरकार ने इस मामले में सबूत नष्ट करने का प्रयास किया।

CBI क्लोजर रिपोर्ट में आत्महत्या बताई गई मौत की वजह

हाल ही में, सीबीआई ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें यह कहा गया कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत आत्महत्या थी और इसके लिए किसी ने उन्हें उकसाया नहीं था। बीजेपी विधायक ने दावा किया कि इस रिपोर्ट के बावजूद परिवार को न्याय नहीं मिल पाया। उन्होंने आरुषि तलवार हत्याकांड का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह उस केस की क्लोजर रिपोर्ट न्यायपालिका ने स्वीकार नहीं की थी, उसी तरह सुशांत के मामले में भी दोबारा जांच होनी चाहिए।

सुशांत के परिवार को मिलेगा न्याय – राम कदम

राम कदम ने विधानसभा में यह मामला उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने SIT को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि सुशांत के प्रशंसकों और परिवार को अब न्याय जरूर मिलेगा।

14 जून 2020 को हुई थी सुशांत की संदिग्ध मौत

सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को मुंबई स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। बिहार से ताल्लुक रखने वाले इस अभिनेता ने कम समय में बॉलीवुड में बड़ा नाम कमाया था। उनकी मौत से उनके प्रशंसकों को गहरा सदमा लगा था। यह मामला महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक सियासी रूप से भी चर्चा में रहा था। अब महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद केस में नया मोड़ आने की संभावना है।

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