Modi to visit Kuwait: पीएम मोदी 43 साल बाद कुवैत का करेंगे दौरा, जानिए क्या है इस यात्रा की खास वजह?

Modi to visit Kuwait: पीएम मोदी 43 साल बाद कुवैत का करेंगे दौरा, जानिए क्या है इस यात्रा की खास वजह?
Last Updated: 18 दिसंबर 2024

1961 में भारत और कुवैत के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे, और इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत रहे। आखिरी बार 1981 में किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने कुवैत का दौरा किया था।

Modi to visit Kuwait: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-22 दिसंबर को कुवैत का दौरा कर सकते हैं, जो खाड़ी देश का उनका पहला दौरा होगा। यह यात्रा कुवैत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। पिछले 43 साल में यह पहला मौका होगा जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने कुवैत का दौरा किया होगा। 

भारत और कुवैत के बीच राजनयिक संबंध 1961 में स्थापित हुए थे, और तब से दोनों देशों के संबंध लगातार प्रगति पर हैं। कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव को बढ़ावा देते हैं।

जीसीसी का सदस्य है कुवैत 

कुवैत खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) का एकमात्र सदस्य देश है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक यात्रा नहीं की है। कुवैत फिलहाल जीसीसी का अध्यक्ष भी है। हाल ही में यहां 1 दिसंबर को 6 सदस्यीय जीसीसी देशों का शिखर सम्मेलन हुआ था, जिसमें कुवैत ने तत्काल युद्ध रोकने का आह्वान किया और निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। कुवैत के विदेश मंत्री अबदुल्लाह अली अल याह्या ने हाल ही में भारत का दौरा किया और प्रधानमंत्री मोदी को कुवैत यात्रा का निमंत्रण दिया, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।

कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित हुई कुवैत यात्रा

कोविड-19 महामारी के कारण 2022 में प्रस्तावित कुवैत यात्रा स्थगित हो गई थी। पिछले महीने, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख सबा खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबाह से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की, खासकर फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में। प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा से इन क्षेत्रों में साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने का एक बड़ा मौका है।

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