Musician Pandit Sanjay Marathe: पंडित संजय राम मराठे का निधन, भारतीय शास्त्रीय संगीत में छाई शोक की लहर

Musician Pandit Sanjay Marathe: पंडित संजय राम मराठे का निधन, भारतीय शास्त्रीय संगीत में छाई शोक की लहर
Last Updated: 16 दिसंबर 2024

भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रमुख हस्ताक्षरों में से एक, पंडित संजय राम मराठे का निधन हो गया। 68 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ, जिसकी पुष्टि उनके परिवार ने की है। पंडित संजय मराठे ने शास्त्रीय गायन और हारमोनियम वादन में अपनी अमूल्य छाप छोड़ी थी, और वे अपने परिवार की संगीत परंपरा के महत्वपूर्ण स्तंभ थे।

दिल का दौरा पड़ा, अस्पताल में हुआ निधन

पंडित संजय राम मराठे का निधन महाराष्ट्र के ठाणे स्थित एक निजी अस्पताल में हुआ। उनके परिवार के अनुसार, उन्हें दिल का गंभीर दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, चिकित्सकों की पूरी कोशिशों के बावजूद, वे बच नहीं पाए और रविवार रात को उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर ने शास्त्रीय संगीत जगत को गहरा सदमा पहुँचाया है।

संगीत की समृद्ध विरासत छोड़ी

पंडित संजय मराठे भारतीय शास्त्रीय संगीत और रंगमंच के क्षेत्र में एक सम्मानित नाम थे। वे प्रसिद्ध संगीत भूषण पंडित राम मराठे के बड़े पुत्र थे। अपनी गायकी और हारमोनियम वादन के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान मिले थे। संजय मराठे ने केवल पारंपरिक शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा दिया, बल्कि अपनी कला से इसे एक नई दिशा भी दी। उनके योगदान को आज भी याद किया जाएगा।

पिता की शताब्दी पर विशेष योगदान

इस साल पंडित संजय मराठे ने अपने पिता पंडित राम मराठे की जन्म शताब्दी के अवसर पर कई कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया। विशेष रूप से, उन्होंने अपने छोटे भाई मुकुंद मराठे के साथ मिलकर मराठी संगीत नाटक 'संगीत मंदारमाला' को पुनर्जीवित किया और उसे मंच पर प्रस्तुत किया। इस प्रयास को व्यापक सराहना मिली, और इसे संगीत और रंगमंच के प्रेमियों ने अत्यधिक सराहा।

संगीत जगत में खाली जगह

पंडित संजय मराठे का निधन केवल उनके परिवार के लिए एक व्यक्तिगत क्षति है, बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए भी एक बड़ी क्षति है। वे संगीत के क्षेत्र में एक प्रेरणा स्रोत थे और उनकी कला ने आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित किया। वे अपने पीछे एक समृद्ध संगीत विरासत छोड़ गए हैं, जो संगीत प्रेमियों और कलाकारों के लिए सदैव प्रेरणास्त्रोत बनेगी।

पंडित संजय मराठे का परिवार

पंडित संजय मराठे के परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और पोती हैं, जिनके साथ उनका संगीत और कला का संबंध हमेशा रहेगा। उनके योगदान को याद करते हुए शास्त्रीय संगीत जगत उन्हें हमेशा सम्मान और श्रद्धा से याद करेगा। पंडित संजय मराठे का निधन शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में एक अपूरणीय रिक्तता छोड़ गया है, लेकिन उनकी कला और समर्पण हमेशा जीवित रहेगा।

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