नीतीश का BJP से अलगाव जारी, मणिपुर में JDU का बड़ा फैसला, जानिए पूरा मामला 

नीतीश का BJP से अलगाव जारी, मणिपुर में JDU का बड़ा फैसला, जानिए पूरा मामला 
Last Updated: 5 घंटा पहले

जेडीयू ने मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लिया, भाजपा की स्थिरता बरकरार। नीतीश कुमार का यह कदम राष्ट्रीय राजनीति में विपक्षी एकजुटता को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

Manipur: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी है। यह निर्णय बुधवार, 22 जनवरी 2025 को लिया गया। जेडीयू ने औपचारिक रूप से राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र सौंपा।

2022 में भाजपा से गठबंधन की शुरुआत

2022 में जेडीयू के छह में से पांच विधायकों ने भाजपा को समर्थन देकर सरकार को मजबूती दी थी। हालांकि, अब जेडीयू ने भाजपा से नाता तोड़ते हुए मणिपुर सरकार से पूरी तरह दूरी बना ली है। यह फैसला जेडीयू के भाजपा के प्रति बदलते रुख को दर्शाता है।

भाजपा सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं

जेडीयू के समर्थन वापसी के बावजूद भाजपा सरकार पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास बहुमत है, जिससे सरकार किसी भी राजनीतिक अस्थिरता से बची रहेगी। हालांकि, जेडीयू के इस कदम से राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावनाएं हैं।

2013 में भी भाजपा से तोड़ा था गठबंधन

यह पहली बार नहीं है जब जेडीयू ने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ा है। 2013 में, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद, जेडीयू ने भाजपा से अलग होने का निर्णय लिया था। इसके बाद जेडीयू ने आरजेडी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया।

2022 में भाजपा से फिर अलग हुआ जेडीयू

अगस्त 2022 में जेडीयू ने एक बार फिर भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया। नीतीश कुमार ने भाजपा पर साजिश और दबाव की राजनीति करने का आरोप लगाया। इसके बाद जेडीयू ने आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ मिलकर नई सरकार बनाई।

क्या फिर बदलेंगे समीकरण?

मणिपुर में जेडीयू का भाजपा से समर्थन वापसी न केवल राज्य की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार के इस फैसले से भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता को बल मिलेगा?

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