New Delhi: हिंदू धर्म को लेकर बाबा रामदेव की टिप्पणी, कहा- अपने धार्मिक ग्रंथों के प्रति रहे जागरूक

New Delhi: हिंदू धर्म को लेकर बाबा रामदेव की टिप्पणी, कहा- अपने धार्मिक ग्रंथों के प्रति रहे जागरूक
Last Updated: 14 सितंबर 2024

बाबा रामदेव ने युवा धर्म संसद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मिलकर सनातन धर्म की वैश्विक पहचान पर विचार-विमर्श किया। बाबा रामदेव ने युवाओं से अपने धार्मिक ग्रंथों के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सनातन धर्म को पूरे विश्व में मान्यता मिल रही है। हरिद्वार में आयोजित इस युवा धर्म संसद में 24 राज्यों के युवा हिस्सा ले रहे हैं।

Bahadarabad: योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि युवाओं को हमेशा उत्साह से भरा रहना चाहिए। उन्हें अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाना चाहिए। युवाओं में शौर्य, वीरता और पराक्रम के साथ-साथ विनम्रता भी होनी चाहिए। बाबा रामदेव ने सनातन धर्म के चारों वर्णों के बारे में बताते हुए कहा कि जब तक राम और कृष्ण के वंशज जीवित हैं, तब तक विधर्मी अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकते। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानकारी अवश्य रखें।

गीता के प्रमुख श्लोक कंठस्थ करने की दी सलाह

मुस्लिम समाज के लगभग 50 प्रतिशत लोग कुरान के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं, लेकिन हिंदू समाज के कई लोग गीता में कितने अध्याय हैं, इसकी भी सही जानकारी नहीं रखते। हमें चाहिए कि हम गीता के महत्वपूर्ण श्लोकों को कंठस्थ करें ताकि हम अपने जीवन में उनके मूल्य और शिक्षाओं को आत्मसात कर सकें। रामदेव ने धामी सरकार द्वारा उत्तराखंड में सनातन धर्म के लिए किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।

इससे पहले, युवा धर्म संसद का उद्घाटन मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राम जन्मभूमि न्यास समिति के महामंत्री चंपत राय और योगगुरु बाबा रामदेव ने मिलकर किया। बाबा रामदेव सेवाज्ञ संस्थानम की ओर से पतंजलि विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित दो दिवसीय युवा धर्म संसद के उद्घाटन सत्र में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर राम जन्मभूमि न्यास समिति के महामंत्री चंपत राय ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म सम्मेलन में दिए गए प्रसिद्ध भाषण के बारे में जानकारी साझा की।

विवेकानंद ने विश्व में सनातन धर्म की महत्ता को किया उजागर

स्वामी विवेकानंद ने अपनी विचारधारा और कार्यों के माध्यम से सनातन संस्कृति का लोहा दुनिया में मनवाया। उन्होंने सहिष्णुता और धर्म के प्रति अपने दृष्टिकोण को धर्म सम्मेलन में प्रस्तुत किया, जो आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। चंपतराय ने बताया कि हर व्यक्ति में स्वामी विवेकानंद की शक्ति मौजूद है, बस उसे पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं से निवेदन किया कि वे हमेशा राष्ट्रहित में आगे बढ़ें और सक्रिय भूमिका निभाएं।

मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा शक्ति पर विश्वास व्यक्त किया और कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि युवा राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन धर्म को वैश्विक पहचान मिल रही है, और कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी इसे अपनाने लगे हैं। सनातन संस्कृति की योग विद्या आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो रही है। हमें प्रधानमंत्री के 2047 के विकसित भारत के संकल्प को मिलकर पूरा करना है। आने वाले 25 वर्षों की जिम्मेदारी हमारी युवा शक्ति के कंधों पर है। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को देश के प्रति जिम्मेदार और कर्तव्यपरायण बनना होगा।

युवा धर्म संसद को लेकर सीएम धामी का बयान

एक मील का पत्थर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि यह युवा धर्म संसद एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, जिसका उद्देश्य नींव को मजबूत करना है। उन्होंने विस्तार से बताया कि उत्तराखंड सरकार युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें स्टार्टअप को बढ़ावा देना शामिल है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे जिस भी क्षेत्र में जाएं, राष्ट्र भावना को सर्वोपरि रखें और अपने संकल्प में कोई विकल्प रखें।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विकल्प आए, तो संकल्प समाप्त हो जाता है और मंजिल दूर हो जाती है। हमें रोजगार देने वाले युवाओं के रूप में उभरना है और इसके लिए मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्य अनंत शक्ति का भंडार है। इस अवसर पर सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या के आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण महाराज ने भी अपने विचार साझा किए।

 

 

 

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