पुणे वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट ने पुष्टि की है कि केरल के मलप्पुरम जिले के 24 वर्षीय युवक के नमूने में निपाह वायरस का संक्रमण पाया गया है। इस पुष्टि के बाद राज्य में निपाह वायरस के प्रसार को लेकर चिंता और बढ़ गई है। वायरस के फैलाव को रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में सख्त सावधानियां और सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं, ताकि इस घातक वायरस का प्रसार रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
Kerala Hit by Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस से 24 वर्षीय युवक की मौत के बाद राज्य सरकार ने तेजी से कदम उठाए हैं। मलप्पुरम जिले में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए कई कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। इन जोन में दो पंचायतों के पांच वार्ड शामिल हैं, जहां सरकार ने सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है, और दुकानों को शाम 7 बजे तक बंद करने का निर्देश दिया गया है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
दुकानें बंद करने के दिए निर्देश
निपाह वायरस के तेजी से फैलने के कारण केरल के मलप्पुरम जिले में जिला अधिकारियों ने कंटेनमेंट जोन में सभी दुकानों को शाम 7 बजे तक बंद करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, सिनेमा हॉल, स्कूल, कॉलेज, मदरसे, आंगनवाड़ी और ट्यूशन सेंटर भी अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं।
शादियों को लेकर दिए दिशा निर्देश
मलप्पुरम जिले में निपाह वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। अधिकारियों ने लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की सख्त हिदायत दी है। इसके साथ ही, शादियों, अंतिम संस्कारों और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने वालों की संख्या को सीमित करने के निर्देश दिए गए हैं। ये उपाय संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने और लोगों की सुरक्षा के लिए लागू किए गए हैं। प्रशासन ने लोगों से इन नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की है।
वायरस से संक्रमित युवक की मौत
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने पुष्टि की है कि 9 सितंबर को मृत 24 वर्षीय व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित था। उन्होंने बताया कि मृतक व्यक्ति की संपर्क सूची में 175 लोग शामिल हैं, जिनमें से 74 स्वास्थ्यकर्मी हैं। सभी को आइसोलेशन में रखा गया है, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और आवश्यक सावधानियां बरत रहा है।
प्रशासन की ओर से उठाये कदम
स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 66 टीमें बनाई हैं, जो मृतक के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में बुखार का सर्वेक्षण कर रही हैं। इस साल निपाह संक्रमण का पहला पुष्ट मामला 21 जुलाई को मलप्पुरम के एक लड़के की मौत से सामने आया था। केरल में निपाह का प्रकोप पहले भी देखा गया है, खासकर कोझीकोड (2018, 2021, 2023), एर्नाकुलम (2019), और अन्य जिलों में। कोझीकोड, वायनाड, इडुक्की, मलप्पुरम, और एर्नाकुलम जिलों में चमगादड़ों में निपाह वायरस एंटीबॉडी की मौजूदगी भी पाई गई है, जो इस वायरस के फैलाव का एक प्रमुख स्रोत हो सकता है।