राहुल गांधी ने संसद के शीतकालीन सत्र में हुए धक्कामुक्की कांड पर बीजेपी के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि इस घटना की शुरुआत अदाणी मुद्दे के साथ हुई थी, जिसे दबाने की कोशिश की गई। साथ ही अमित शाह के आंबेडकर पर बयान को एंटी आंबेडकर सोच बताया।
Parliament Winter Session Ruckus: संसद परिसर में गुरुवार को सत्ता और विपक्ष के नेताओं के बीच आंबेडकर मुद्दे को लेकर तीखी बहस हुई, जिसके परिणामस्वरूप धक्कामुक्की की स्थिति पैदा हुई। इस झड़प में भाजपा सांसद मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया, जिसे उन्होंने झूठा बताया। प्रियंका गांधी ने भी राहुल का समर्थन किया।
संसद परिसर में झड़प
राहुल गांधी ने संसद में धक्कामुक्की कांड पर बीजेपी के आरोपों का खंडन किया और कहा कि इस घटना की शुरुआत गौतम अदाणी मामले के सामने आने से हुई थी, जिसे दबाने की कोशिश की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह की आंबेडकर पर टिप्पणी एंटी आंबेडकर सोच को उजागर करती है और गृह मंत्री को इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। राहुल ने कहा, “हमने आज संसद भवन में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी के सांसदों ने हमें रोकने और धक्का देने की कोशिश की।”
राहुल गांधी का आंबेडकर मुद्दे पर पलटवार
कांग्रेस के अध्यक्ष खरगे ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके सांसदों के साथ धक्कामुक्की हुई। उन्होंने मांग की कि अमित शाह इस्तीफा दें और पीएम मोदी उन्हें बर्खास्त करें। खरगे ने कहा कि अमित शाह के बयान ने बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान किया है और बीजेपी ने हमेशा बाबा साहेब और पंडित नेहरू के बारे में गलत बातें की हैं। खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने इस मुद्दे को तूल देने का प्रयास किया है, ताकि अदाणी के खिलाफ जांच दबाई जा सके और इसकी सही जांच न हो सके।
यह विवाद इस बात की पुष्टि करता है कि भारतीय राजनीति में आंबेडकर के विचार और उनके योगदान के प्रति सम्मान एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। अब देखना होगा कि इस विवाद का प्रभाव आने वाले दिनों में संसद की कार्यवाही पर कैसा पड़ेगा।