सूडान वॉर से बच कर घर पहुंचा झुंझुनू का युवक:बोला-फाइटर जेट से जगह-जगह गिरा रहे बम:आर्मी के जवान खुद करते हैं लूटपाट
सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच गृहयुद्ध चल रहा है। ऑपरेशन कावेरी के जरिए वहां फंसे भारतीयों का रेस्क्यू किया जा रहा है। झुंझुनूं जिले के मंडावा कस्बे के निवासी गौरव योगी ऑपरेशन कावेरी के जरिए अपने घर मंडावा पहुंचे।
गौरव उत्तर-पूर्वी अफ्रीकी देश सूडान के खार्तूम में नौकरी कर रहे थे। वह अप्रैल 2022 से ग्लोबल लिमिटेड कंपनी में अकाउंटेंट के तौर पर काम कर रहे थे। और कंपनी की ओर से दिए गए क्वार्टर में रह रहे थे। सेना और अर्द्धसेना के बीच जारी सिविल वॉर से जूझ रहे सूडान में हालात बेहद खराब है।
झुंझुनूं के मंडावा निवासी गौरव योगी मीडिया से जारी बातचीत में बताया कि कैसे सूडान के दहशत भरे माहौल से निकलकर अपने घर सुरक्षित पहुंचा है। घरवालों ने गौरव योगी को सही सलामत देखा तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
गौरव योगी ने बताया कि 15 अप्रैल को अचानक खार्तूम में माहौल खराब हो गया तथा जगह-जगह बम गिरने लगे और अंधाधुंध फायरिंग हो रही थी। फाइटर जेट से जगह जगह बम गिराए जा रहे थे, और वहां पर लोग लूटपाट भी खुलेआम कर रहे थे। 15 अप्रैल के बाद दहशत भरे माहौल के बीच चैन की नींद नहीं सो सके और लगातार बम और फायरिंग की आवाज आ रही थी।
तथा बाजार में आवश्यक सामान भी मिलना बंद हो गया था। एंबेसी की सूचना पर 4 साथी गाड़ी में बैठकर जाने लगे तो कुछ ही दूरी पर बम धमाका हुआ तथा कुछ लोगों ने आकर हमें घेर लिया और बंदूक दिखाकर उन्होंने हमारी जेब से पैसे निकाल लिए और कहा कि भाग जाओ वरना मारे जाओगे।
गौरव योगी ने बताया कि कंपनी गार्ड को पता लगा गया था कि लूटपाट हो सकती है ऐसे में गार्ड ने सारा सामान को कहीं छुपा दिया और सभी कर्मचारी कंपनी के बेसमेंट में छुप गए तथा उसी दौरान कुछ लोग लूटपाट व मारपीट के मकसद से हाथों में गन लेकर कंपनी में घुसे और जो कुछ हाथ लगा वह लेकर चले गए। गौरव योगी के घर पहुंचने पर पिता राधेश्याम योगी, मां लक्ष्मी देवी, पत्नी सोनू योगी ने ख़ुशी जाहिर की। साथ भगवान का शुक्रिया अदा किया।
मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच संघर्ष
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने गुरुवार को मिशन कावेरी पर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि हमारा मकसद जल्द से जल्द अपने लोगों को सेफ जगह भेजकर उन्हें भारत लाना है। सूडान में हालात बेहद खराब हैं, हम हर भारतीय को वहां से बाहर निकालेंगे।
क्वात्रा के मुताबिक वहां 3,500 भारतीय और 1,000 इंडियन ओरिजिन यानी भारतीय मूल के लोग फंसे हुए हैं।