असदुद्दीन ओवैसी ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में कथित मिलावट के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओवैसी ने कहा कि तिरुपति के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की खबरें सामने आई है और अगर यह सच है, तो यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस तरह की घटना का विरोध करते हैं और यह नहीं होना चाहिए था।
नई दिल्ली: तिरुपति वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के प्रसाद में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी मिले घी की सप्लाई का मामला राजनीतिक विवाद का मुद्दा बन गया है। इस मुद्दे पर टीडीपी और भाजपा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं। इस बीच, एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओवैसी ने कहा कि अगर तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाई गई है, तो यह बहुत ही गलत है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी और इसे वे भी गलत मानते हैं।
वक्फ बोर्ड बिल को लेकर ओवैसी ने भाजपा पर बोला हमला
असदुद्दीन ओवैसी ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलावट के मामले के अलावा केंद्र सरकार के वक्फ बोर्ड बिल को लेकर भी भाजपा पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड से संबंधित बिल के जरिए मुसलमानों की जमीन हड़पने की कोशिश कर रही है। ओवैसी ने इस बात पर आपत्ति जताई कि इस बिल में मुसलमानों के अलावा दूसरे धर्मों को भी शामिल किया जा रहा है, जो उनके अनुसार गलत है। ओवैसी ने जोर देकर कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी एक निजी संपत्ति है और भाजपा इस प्रॉपर्टी को सरकारी संपत्ति के रूप में प्रस्तुत कर रही है, जो गलत है। उन्होंने इसे भाजपा द्वारा फैलाई गई अफवाह और झूठा प्रोपेगेंडा बताया।
ओवैसी का कहना था कि जैसे हिंदू धर्म में संपत्ति दान की जाती है, वैसे ही वक्फ में भी जमीन दान दी जाती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वक्फ बोर्ड के पास 10 लाख एकड़ जमीन होने की बात भी गलत है और भाजपा इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही हैं। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार के वक्फ संपत्तियों को लेकर प्रस्तावित बिल पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार इस बिल को वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, विकास, या उनमें सुधार के उद्देश्य से नहीं, बल्कि वक्फ बोर्ड को खत्म करने के इरादे से ला रही है। ओवैसी ने भाजपा और आरएसएस पर वक्फ बोर्ड के खिलाफ "झूठा प्रचार" फैलाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि यह बिल मुसलमानों की संपत्तियों को खतरे में डालने के लिए पेश किया जा रहा है और सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित करना है। ओवैसी ने यह भी दावा किया कि वक्फ संपत्तियों को सरकारी संपत्ति के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास भाजपा द्वारा किया जा रहा है, जबकि वक्फ संपत्तियां निजी दान पर आधारित होती हैं। उन्होंने इसे मुसलमानों के अधिकारों और संपत्तियों पर हमला बताया।