बांग्लादेश में मुहम्मद युनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत से देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने की औपचारिक अपील की है। यह कदम इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) के तहत उनके परीक्षण के लिए उठाया गया है।
Sheikh Hasina: बांग्लादेश की एक ट्रिब्यूनल ने गुरुवार (5 दिसंबर) को अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के "हेट स्पीच" के प्रसारण पर बैन लगा दिया है। शेख हसीना पर अगस्त क्रांति के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या का आरोप है, जिसके कारण उन्हें देश छोड़कर भारत भागना पड़ा था।
शेख हसीना पर लगे गंभीर आरोप
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICT) ने शेख हसीना के खिलाफ "सामूहिक हत्या" और अन्य आरोपों की जांच शुरू की है, जो 1971 के संघर्ष के दौरान हुई घटनाओं से जुड़ी हुई हैं। शेख हसीना पर इन घटनाओं में अपनी भूमिका के लिए आरोप लगाया गया है, जिसके बाद उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हेट स्पीच पर लगा बैन
अभियोजक गोलम मोनावर हुसैन तामिम ने कहा, "शेख हसीना वर्तमान में कई मामलों में आरोपित हैं, जिनकी जांच ट्रिब्यूनल द्वारा की जा रही है।" उन्होंने आगे बताया कि शेख हसीना के भाषणों पर बैन लगाने की मांग की गई है क्योंकि इससे कानूनी प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है और गवाहों और पीड़ितों को डराया जा सकता है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि ICT ने इस प्रतिबंध को लागू करने पर सहमति दी है।
शेख हसीना के संबोधन के बाद आया कोर्ट का आदेश
यह आदेश शेख हसीना के न्यूयार्क में आयोजित अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में दिए वर्चुअल संबोधन के कुछ दिन बाद आया है। इस संबोधन में शेख हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख नेता मुहम्मद युनूस पर "सामूहिक हत्या" का आरोप लगाया था, जिससे राजनीति में हलचल मच गई।
शेख हसीना के शासन के दौरान हुई हिंसा
शेख हसीना के तख्तापलट से कुछ हफ्ते पहले बांग्लादेश में सैकड़ों लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश की मौत पुलिस की गोलीबारी के कारण हुई थी। शेख हसीना के सत्ता से गिरने के बाद भी कई और लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश उनके अवामी लीग पार्टी के समर्थक थे।
ICT की स्थापना और उसकी भूमिका
2010 में बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई क्रूरता की जांच के लिए ICT को स्थापित किया था। इस अदालत ने कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को मृत्युदंड दिया है, लेकिन इस पर नियमित रूप से उचित ट्रायल के मानकों को पूरा न करने और सत्ता के विरोधियों को निशाना बनाने का आरोप भी लगता रहा है।
अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की
मुहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने की मांग की है, ताकि उन्हें ट्रिब्यूनल के सामने परीक्षण के लिए लाया जा सके। यह कदम बांग्लादेश की न्यायिक प्रक्रिया और राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।