India-China Relations: लद्दाख में सेनाओं का डिसइंगेजमेंट, 29 अक्टूबर तक होगा तनाव खत्म, जानें पूरी जानकारी

India-China Relations: लद्दाख में सेनाओं का डिसइंगेजमेंट, 29 अक्टूबर तक होगा तनाव खत्म, जानें पूरी जानकारी
Last Updated: 1 दिन पहले

भारत-चीन सीमा: एलएसी पर तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच सैनिकों की वापसी और गश्त के संबंध में एक समझौता हुआ है। 31 अक्टूबर 2024 तक एलएसी पर पेट्रोलिंग भी प्रारंभ हो जाएगी।

नई दिल्ली: भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और डेपसांग मैदानी क्षेत्रों में टकराव के दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है, और यह प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक यह प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है। हाल ही में, दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ है। जो चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता है।

एलएसी पर शुरू होगी पेट्रोलिंग

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात, संघर्ष वाले दोनों बिंदुओं पर गश्त प्रारंभ की जाएगी। दोनों देश अपने-अपने सैनिकों को हटाने के साथ-साथ अस्थायी ढांचों को नष्ट कर देंगे।

जानकारी मिली है कि 31 अक्टूबर 2024 तक एलएसी पर पेट्रोलिंग भी शुरू हो जाएगी। भारत और चीन के सैनिकों की पीछे हटने की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक संपन्न हो जाएगी।

अरुणाचल के इस क्षेत्र में होगी पेट्रोलिंग

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद केवल लद्दाख तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले का यांग्त्से क्षेत्र भी दोनों देशों के लिए एक विवादास्पद स्थान बना हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पेट्रोलिंग के संबंध में जो आपसी सहमति दोनों देशों के बीच बनी है, उसमें तवांग जिले का यांग्त्से क्षेत्र भी शामिल किया गया है।

जानकारी के अनुसार, चीनी सैनिकों को इस क्षेत्र में गश्त करने की अनुमति दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान अपनी द्विपक्षीय बातचीत में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर हुए समझौते का समर्थन किया था।

पूर्वी लद्दाख के विवाद पर भारत के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने द्विपक्षीय बैठक के बाद कजान में कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित होने से द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य होने का मार्ग प्रशस्त होगा।

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