ग्रीन कार्ड धारकों पर सख्ती! ट्रंप ने दी निर्वासन की चेतावनी, जानें वजह 

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व्हाइट हाउस ने ट्रंप का बयान जारी कर कहा कि खलील की गिरफ्तारी पहली है। कई विश्वविद्यालयों में आतंकवाद समर्थक गतिविधियों में शामिल छात्रों पर कार्रवाई होगी, ग्रीन कार्ड धारकों को निर्वासित किया जा सकता है।

America: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की घोषणा करते हुए चेतावनी दी कि जो लोग अमेरिकी राज्य के खिलाफ ‘शत्रुतापूर्ण गतिविधियों’ में शामिल पाए जाएंगे, उनके वीजा और ग्रीन कार्ड रद्द किए जा सकते हैं। यह बयान ऐसे समय आया जब कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्नातक महमूद खलील को इजरायल विरोधी प्रदर्शनों में भूमिका निभाने के कारण हिरासत में लिया गया।

व्हाइट हाउस ने क्या कहा?

व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति ट्रंप का बयान साझा करते हुए कहा, “खलील की गिरफ्तारी कई और गिरफ्तारियों में से पहली है। हमें जानकारी है कि कोलंबिया विश्वविद्यालय सहित देशभर के अन्य शिक्षण संस्थानों में ऐसे कई छात्र हैं जो आतंकवाद समर्थक, यहूदी विरोधी और अमेरिकी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। ट्रंप प्रशासन इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।”

क्या भारतीय ग्रीन कार्ड धारकों पर खतरा मंडरा रहा है?

अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में भारतीय अमेरिकी नागरिकता या ग्रीन कार्ड प्राप्त करने वाले दूसरे सबसे बड़े समूह हैं। इस अवधि में 49,700 भारतीयों को प्राकृतिक नागरिकता प्रदान की गई। हालांकि, ट्रंप प्रशासन की चेतावनी मुख्य रूप से अमेरिका में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हमास समर्थकों पर लक्षित है। यह व्यापक नागरिकता और आव्रजन नीतियों को प्रभावित करेगा या नहीं, इस पर अभी स्पष्टता नहीं है।

किन आधारों पर ग्रीन कार्ड धारकों को किया जा सकता है निर्वासित?

अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारकों को कुछ कानूनी प्रावधानों के तहत निर्वासित किया जा सकता है। इसके प्रमुख आधार निम्नलिखित हैं—

- यदि व्यक्ति को किसी गंभीर अपराध में दोषी ठहराया जाता है।
- यदि किसी ग्रीन कार्ड धारक ने किसी आतंकवादी संगठन को आर्थिक या अन्य सहायता प्रदान की हो।
- यदि वह किसी राष्ट्रविरोधी गतिविधि में लिप्त पाया जाए, जिससे अमेरिका की सुरक्षा को खतरा हो।

ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का क्या असर होगा?

ट्रंप प्रशासन के इस बयान ने अमेरिका में रह रहे ग्रीन कार्ड धारकों और वीजा धारकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई उन लोगों तक सीमित रहेगी, जो प्रत्यक्ष रूप से आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हैं। लेकिन अगर नियमों को सख्त किया गया, तो अप्रवासियों के लिए अमेरिका में रहना मुश्किल हो सकता है।

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