रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने ऐतिहासिक विजय दिवस समारोह (Victory Day Parade) में शामिल होने के लिए आधिकारिक निमंत्रण भेजा है। यह आयोजन 9 मई 2025 को मॉस्को के रेड स्क्वायर पर होगा, जहां रूस ग्रेट पैट्रियोटिक वॉर (द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत) की 80वीं वर्षगांठ मनाएगा।
भारत की सैन्य टुकड़ी भी होगी शामिल?
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी इस परेड में हिस्सा ले सकती है और उन्हें रिहर्सल के लिए एक महीने पहले रूस भेजा जाएगा। इस संदर्भ में दोनों देशों के रक्षा विभागों के बीच बातचीत जारी है। अगर भारतीय सेना की टुकड़ी परेड में हिस्सा लेती है, तो यह भारत-रूस सैन्य सहयोग को और मजबूत करने का संकेत देगा।
रूसी समाचार एजेंसी TASS ने दावा किया है कि पीएम मोदी के इस समारोह में शामिल होने की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं की हैं।
यूक्रेन युद्ध के बीच दौरे का कूटनीतिक महत्व
यह संभावित यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम को लेकर अमेरिका और रूस के बीच बातचीत चल रही है। हाल ही में रियाद में वार्ता का पहला दौर हुआ था, जहां शांति वार्ता के संभावित रास्तों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी रूस और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों के साथ शांति बहाली की वकालत कर चुके हैं। अगर वे इस दौरे पर जाते हैं, तो यह रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में भारत की कूटनीतिक भूमिका को और मजबूत कर सकता हैं।
भारत-रूस संबंधों पर नज़र
रूस और भारत के बीच लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी है। मोदी-पुतिन की मुलाकातें ऊर्जा, रक्षा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए अहम रही हैं। पिछले साल कज़ान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी मोदी और पुतिन के बीच मुलाकात हुई थी। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि इस भव्य आयोजन में न सिर्फ CIS देशों (पूर्व सोवियत संघ के स्वतंत्र राष्ट्र) बल्कि कई अन्य देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। रूस उन सभी विदेशी मेहमानों का स्वागत करेगा, जो विजय दिवस के महत्व को समझते हैं।