श्रीलंका में मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद हरिनी अमरसूर्या को नई प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण कराया है। यह बदलाव आर्थिक संकट से जूझ रहे इस द्वीप राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है। 2022 और 2023 के बीच, श्रीलंका को आईएमएफ से मदद मिलने के बाद, भारत ने भी चार अरब डॉलर की सहायता प्रदान की है, जो देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद कर रही हैं।
कोलंबो: श्रीलंका में अनुरा कुमारा दिसानायके के राष्ट्रपति बनने के बाद, हरिनी अमरसूर्या ने मंगलवार को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है। वह वर्ष 2000 में सिरीमावो भंडारनायके के बाद इस पद पर आसीन होने वाली दूसरी महिला नेता बनी हैं। 54 वर्षीय अमरसूर्या, जो नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) की नेता हैं, को राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने शपथ दिलाई। उनका यह कार्यकाल श्रीलंका के लिए एक नई राजनीतिक दिशा का संकेत हो सकता हैं।
इन नेताओं को भी दिलाई गई शपथ
अनुरा कुमारा दिसानायके ने स्वयं सहित चार सदस्यों का मंत्रिमंडल नियुक्त किया है। हरिनी अमरसूर्या को न्याय, शिक्षा, श्रम, उद्योग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य तथा निवेश मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने का स्थान लिया, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। एनपीपी के सांसद विजिता हेराथ और लक्ष्मण निपुर्णाच्ची ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है और वे संसद भंग होने के बाद कार्यवाहक कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, संसदीय चुनाव नवंबर के अंत में होने की संभावना है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद 56 वर्षीय दिसानायके ने रविवार को श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
श्रीलंका को मिला नया राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री
श्रीलंका को नया राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मिलने के बाद एक और सकारात्मक विकास हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) अब श्रीलंका के आर्थिक सुधारों पर बातचीत करेगा। आईएमएफ ने मंगलवार को घोषणा की कि वह श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके नीत नई सरकार के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक है और जल्द ही देश के ऋण कार्यक्रम की अगली समीक्षा पर चर्चा करेगा।
आईएमएफ के बयान में कहा गया, "हम राष्ट्रपति दिसानायके और उनकी टीम के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, ताकि कड़ी मेहनत से हासिल की गई उन उपलब्धियों को आगे बढ़ाया जा सके, जिन्होंने श्रीलंका को 2022 में अपने सबसे खराब आर्थिक संकटों से बाहर निकलने में मदद की।" यह विकास श्रीलंका के लिए आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता हैं।