भारत की स्टार पैरा शूटर अवनी लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) श्रेणी में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है। इसी इवेंट में मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक पर भी निशाना साध कर दूसरे दिन भारत की झोली में दो पदक दाल दिय हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत की स्टार पैरा शूटर अवनी लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है। यह अवनी का लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है, जो उन्होंने पैरालंपिक में जीता है। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) श्रेणी में अवनी ने पहले स्थान पर अपना कब्जा जमाया, जबकि इस इवेंट में भारत की अन्य पैरा शूटर मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक हासिल किया। मोना ने फाइनल में 228.7 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता, जबकि अवनी ने पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ 249.7 स्कोर कर सोने का तमगा अपने नाम किया। अवनी ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में भी स्वर्ण पदक जीता था।
अवनी ने 625.8 स्कोर के साथ की फाइनल में एंट्री
टोक्यो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता, भारत की प्रमुख निशानेबाज अवनी लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल फाइनल (एसएच1) के क्वालीफिकेशन में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में स्थान हासिल किया। पिछले एक वर्ष से शानदार प्रदर्शन कर रही उनकी सहकर्मी मोना अग्रवाल ने भी पांचवें स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में क्वालीफाई किया। गत चैंपियन अवनी ने 625.8 का स्कोर बनाया और वह इरिना शचेतनिक से पीछे रहीं। इरिना ने 627.5 के स्कोर के साथ पैरालंपिक क्वालिफिकेशन दौर में नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
मोना अग्रवाल में क्वालीफिकेशन राउंड में हासिल किए 623.1 अंक
जानकारी के मुताबिक पहले पैरालंपिक में भाग ले रही दो बार की विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता मोना अग्रवाल ने 623.1 का स्कोर हासिल किया। अवनी, जो तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में एसएच1 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से देश की सबसे चर्चित पैरा खिलाड़ी बन गई थीं, ने टोक्यो पैरालंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण और 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में कांस्य पदक प्राप्त किया।
क्या हैं एसएच1 कैटेगरी?
निशानेबाजी की एसएच1 श्रेणी में वे निशानेबाज शामिल होते हैं जो गंभीर चोट के कारण अपनी बांहों और निचले हिस्से का उपयोग नहीं कर पाते हैं और अवनी व्हीलचेयर का सहारा लेते हैं। इस श्रेणी में ऐसे निशानेबाज भी आते हैं जिनकी बांहों, निचले धड़ और पैरों की गति प्रभावित होती है, या जिनके हाथों या पैरों में कोई विकार होता हैं।