भारतीय शेयर बाजार में 25 साल बाद बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब निफ्टी की वीकली एक्सपायरी गुरुवार के बजाय मंगलवार को होगी, जबकि सेंसेक्स की एक्सपायरी गुरुवार को ही रहेगी। यह बदलाव 2 सितंबर 2025 से लागू होगा और इसका सीधा असर डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग, वॉल्यूम और निवेशकों की रणनीतियों पर पड़ेगा।
Stock Market Alert: भारतीय शेयर बाजार में 25 साल बाद एक्सपायरी नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने निफ्टी की वीकली एक्सपायरी गुरुवार से बदलकर मंगलवार कर दी है, जिसकी पहली एक्सपायरी 2 सितंबर 2025 को होगी। वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने सेंसेक्स की एक्सपायरी गुरुवार को ही तय रखी है। यह कदम सेबी की मध्यस्थता के बाद उठाया गया, ताकि दोनों एक्सचेंजों के बीच चल रही तकरार खत्म हो सके। इस बदलाव से डेरिवेटिव्स मार्केट में नई रणनीतियां और वॉल्यूम पैटर्न देखने को मिल सकते हैं।
निफ्टी एक्सपायरी में नया अध्याय
शेयर बाजार में निफ्टी फ्यूचर्स की शुरुआत 12 जून 2000 को हुई थी। पहली एक्सपायरी 29 जून 2000 को हुई थी। उस समय केवल मंथली एक्सपायरी होती थी और वह भी हर महीने के आखिरी गुरुवार को होती थी। बाद में दिसंबर 2019 में निफ्टी की वीकली एक्सपायरी शुरू की गई और गुरुवार को ही तय की गई।
अब लगभग ढाई दशक बाद एक्सपायरी के दिन में बदलाव किया गया है। 28 अगस्त यानी आज गुरुवार को निफ्टी की आखिरी गुरुवार एक्सपायरी होगी। इसके बाद से हर मंगलवार को निफ्टी की वीकली एक्सपायरी होगी।
कब से लागू होगा नया नियम
नए नियम के तहत पहली मंगलवार एक्सपायरी 2 सितंबर को होगी। यानी अब निवेशकों को एक्सपायरी के लिए गुरुवार का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दूसरी ओर, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने सेंसेक्स की वीकली एक्सपायरी गुरुवार को ही बनाए रखने का फैसला किया है।
इस तरह दोनों एक्सचेंजों के डेरिवेटिव्स अब अलग-अलग दिनों में एक्सपायर होंगे। निफ्टी मंगलवार को और सेंसेक्स गुरुवार को।
निवेशकों और ट्रेडर्स पर असर
यह बदलाव सीधे तौर पर निवेशकों और ट्रेडर्स की रणनीति पर असर डालेगा। पहले जहां गुरुवार एक्सपायरी के नाम से मशहूर हो गया था, अब मंगलवार को यह नई पहचान मिलेगी। निफ्टी की वीकली एक्सपायरी अब सिर्फ तीन कारोबारी सत्रों बाद हो जाएगी। वहीं सेंसेक्स की एक्सपायरी छह कारोबारी सत्रों बाद होगी।
ट्रेडिंग की योजना बनाने और ऑप्शन रणनीतियों में निवेशकों को नए पैटर्न अपनाने पड़ेंगे। इससे मार्केट में वॉल्यूम और अस्थिरता पर भी असर पड़ सकता है।
क्यों करना पड़ा बदलाव
दरअसल, एक्सपायरी के दिनों को लेकर एनएसई और बीएसई के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही थी। एनएसई ने पहले निफ्टी की वीकली एक्सपायरी सोमवार करने का ऐलान किया था। इस फैसले पर बीएसई ने आपत्ति जताई। मामला सेबी तक पहुंचा।
सेबी ने दोनों एक्सचेंजों से सुझाव मांगने के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किया। इसके बाद तय हुआ कि एनएसई निफ्टी की वीकली एक्सपायरी मंगलवार को रखेगा और बीएसई सेंसेक्स की एक्सपायरी गुरुवार को कराएगा। इस तरह दोनों इंडेक्स की एक्सपायरी के दिन अलग हो गए।
मार्केट में दिखेगा नया पैटर्न
अब जब निफ्टी और सेंसेक्स की एक्सपायरी अलग-अलग दिनों में होगी, तो दोनों इंडेक्स की डेरिवेटिव्स गतिविधियां साफ तौर पर अलग दिखेंगी। इससे ऑप्शन ट्रेडिंग की रणनीतियों में भी बदलाव आएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बाजार में हेजिंग और आर्बिट्राज के नए अवसर बन सकते हैं। साथ ही वॉल्यूम और अस्थिरता का ग्राफ भी अलग तरीके से देखने को मिलेगा।
25 साल बाद क्यों ऐतिहासिक है यह बदलाव
भारतीय शेयर बाजार में यह कदम इसलिए ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि निफ्टी की एक्सपायरी में इतना बड़ा बदलाव पहली बार हो रहा है। 2000 में जब निफ्टी फ्यूचर्स की शुरुआत हुई थी, तब से अब तक गुरुवार को ही एक्सपायरी होती रही है।
अब यह परंपरा टूटेगी और मंगलवार को एक्सपायरी का नया दिन माना जाएगा। इससे न केवल निवेशकों की सोच बदलेगी बल्कि बाजार की कार्यप्रणाली भी नए सिरे से परिभाषित होगी।