गायघाट विधानसभा क्षेत्र बिहार के कुल 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है और इसका निर्वाचन क्षेत्र संख्या 88 है। यह क्षेत्र सामान्य श्रेणी का है और अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित नहीं है।
गायघाट: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर गायघाट विधानसभा सीट पर राजनीतिक उत्साह तेज हो गया है। यह विधानसभा क्षेत्र बिहार की 243 सीटों में से एक है और निर्वाचन क्षेत्र संख्या 88 के रूप में जाना जाता है। यह सामान्य श्रेणी का क्षेत्र है, अर्थात् यहाँ अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए कोई आरक्षण नहीं है।
गायघाट सीट पर प्रमुख दलों की टक्कर बेहद कड़ी है। यहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल यूनाइटेड (JDU), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस की प्रमुख भागीदारी देखने को मिलती है। इसके अलावा, अन्य छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी कभी-कभी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
गायघाट विधानसभा क्षेत्र: पिछली जीत और वर्तमान समीकरण
गायघाट विधानसभा क्षेत्र मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद के निरंजन रॉय ने जदयू के महेश्वर यादव को 7,566 मतों के अंतर से हराकर यह सीट अपने नाम की थी। इस जीत में निरंजन रॉय को 59,778 वोट मिले थे, जबकि महेश्वर यादव को 52,212 वोट मिले। तीसरे नंबर पर लोजपा की कोमल सिंह रही, जिन्हें 36,851 वोट मिले।
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में, यह सीट राजद के महेश्वर यादव के नाम रही थी। उन्हें 67,313 वोट मिले थे, जबकि भाजपा की वीणा देवी को 63,812 वोट मिले थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में, मुजफ्फरपुर सीट पर भाजपा के राज भूषण चौधरी ने कांग्रेस के अजय निषाद को भारी मतों के अंतर से हराया था। यह आंकड़े बताते हैं कि बिहार में राजनैतिक समीकरण समय-समय पर बदलते रहते हैं और स्थानीय सीटों पर बड़े बदलाव के संकेत मिलते हैं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में गायघाट निर्वाचन क्षेत्र में कुल 3,16,108 मतदाता थे, जिनमें से 1,66,475 पुरुष और 1,49,627 महिलाएं थीं। वहीं 6 तृतीय लिंग मतदाता थे और 506 डाक मत डाले गए। सेवा मतदाताओं की संख्या 350 थी, जिनमें 333 पुरुष और 17 महिला मतदाता शामिल थे। 2015 में यहां कुल मतदाता 2,87,372 थे, जिनमें पुरुष 1,53,220 और महिलाएं 1,34,149 थीं।
सीट के पूर्व विजेता
गायघाट सीट पर इतिहास भी बताता है कि यहां सत्ता बार-बार बदलती रही है। पिछले विजेताओं में शामिल हैं:
- 2010: वीणा देवी (BJP)
- 2005: महेश्वर प्रसाद यादव (RJD)
- 2000: वीरेंद्र कुमार सिंह (JDU)
- 1995: महेश्वर प्रसाद यादव (जनता दल)
- 1990: महेश्वर प्रसाद यादव (निर्दलीय)
- 1985: वीरेंद्र कुमार सिंह (कांग्रेस)
- 1980: जीतेन्द्र प्रसाद सिंह (BJP)
- 1977: विनोदानंद सिंह (जनता पार्टी)
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि सीट पर राजद और भाजपा का दबदबा काफी मजबूत है, जबकि जदयू और कांग्रेस भी कभी-कभी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। गायघाट विधानसभा सीट पर इस बार वीआईपी, राजद और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर रहने की संभावना है। चुनावी समीकरण बताते हैं कि राजद की पकड़ मजबूत है, लेकिन भाजपा की बढ़ती ताकत और स्थानीय मुद्दों पर उम्मीदवार की लोकप्रियता निर्णायक साबित हो सकती है।