अयोध्या में दीपोत्सव 2025 का भव्य आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूजा-अर्चना की। लाखों दीप प्रज्वलित किए गए, जो 500 वर्षों के संघर्ष और आस्था की विजय का प्रतीक हैं।
UP: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव 2025 के अवसर पर पूजा-अर्चना की। इस दौरान अयोध्या नगरी को भव्य ढंग से सजाया गया और राम तथा सीता बने कलाकारों की पूजा भी की गई। सीएम योगी ने कहा कि दीप केवल रोशनी का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि 500 वर्षों के अंधकार और संघर्ष पर आस्था की विजय का संदेश भी हैं। उन्होंने बताया कि पहले भगवान राम तंबू में विराजमान थे और अब भव्य मंदिर में विराजमान हैं।
सत्य की विजय
दीपोत्सव में सीएम योगी ने कहा कि हर दीप हमें यह याद दिलाता है कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं होता। उन्होंने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म ने 500 वर्षों तक संघर्ष किया और उसके परिणामस्वरूप अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। यह दीप अंधकार पर विजय का प्रतीक हैं और भारतीय संस्कृति की स्थिरता और आस्था को दर्शाते हैं।
अयोध्या की महत्ता
सीएम योगी ने अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सप्तपुरियों में प्रथम है, जहां धर्म मानव रूप में अवतरित हुआ। उन्होंने बताया कि अयोध्या में हर कण में मर्यादा है और हर दीप में दया का भाव समाहित है। 2017 में जब पहला दीपोत्सव आयोजित किया गया, तब पर्याप्त दीप उपलब्ध नहीं थे। प्रदेश भर से एकत्रित किए गए दीपों से 1 लाख 71 हजार दीप जलाए गए थे। आज लाखों दीप अयोध्या धाम में प्रज्वलित होते हैं और नगर को जगमगा देते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि ये दीप केवल पर्व का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि यह 500 वर्षों की कठिनाइयों और संघर्षों पर विजय का प्रतीक हैं। उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन और अतीत की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने आस्था का अपमान किया था, लेकिन सनातन धर्म की शक्ति ने विजयी होने का मार्ग सुनिश्चित किया। दीपोत्सव का यह संदेश हर नागरिक तक यह पहुँचाता है कि आस्था और मर्यादा कभी हार नहीं मानती।
डिप्टी सीएम के दौरे रद्द होने की वजह
इस बार दीपोत्सव में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक शामिल नहीं हुए। सूत्रों के मुताबिक दोनों डिप्टी सीएम ने विज्ञापन में उनके नाम न होने के कारण दौरा रद्द किया। इस विज्ञापन में पीएम मोदी और सीएम योगी की फोटो के साथ पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही का नाम था। उपमुख्यमंत्रियों के नाम न होने पर राजनीतिक हलचल भी बढ़ गई।