देहरादून-सहस्त्रधारा में बादल फटने और भारी बारिश से तबाही मची। 10 मजदूर नदी में बह गए, 200 से अधिक छात्र और 1,000 से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए। बचाव कार्य जारी है।
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सहस्त्रधारा और आसपास के इलाकों में मंगलवार को बादल फटने और रातभर हुई भारी बारिश ने भयावह तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा में 200 से अधिक छात्र देवभूमि इंस्टिट्यूट परिसर में फंस गए थे, जिन्हें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं, लगभग 1,000 लोग विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए।
टोंस नदी में तेज बहाव से मजदूरों की मौत
मीडिया में सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रेमनगर थाना इलाके में टोंस नदी के तेज बहाव में कई मजदूर फंसे हुए थे। ट्रॉली में सवार लगभग दस मजदूर बहते पानी में गिर गए। जानकारी के अनुसार, ये मजदूर नदी में खनन के कार्य में लगे हुए थे। बचाव टीमों ने अब तक आठ मजदूरों के शव बरामद किए हैं, जिनमें चार पुरुष और चार महिलाएं शामिल हैं। इस संख्या में और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है।
सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला क्षेत्र इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कई लोग जान बचाने के लिए ऊंचाई वाले स्थानों और खंभों पर चढ़ गए। फुलेट गांव में एक मकान गिरने से आठ मजदूर दब गए, जिनमें दो को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाला।
छात्रों और पर्यटकों का सुरक्षित रेस्क्यू
देवभूमि इंस्टिट्यूट परिसर में लगभग 200 छात्र बाढ़ के पानी में फंसे थे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने फ्लड वाटर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी छात्रों को सुरक्षित निकाला। इसके अलावा, सिधनीवाला, मसंदावाला, ठाकुरपुर, हेरिटेज होटल मसूरी, लिटिल हेवन होटल मसूरी और डालनवाला एमडीडीए कॉलोनी समेत कई क्षेत्रों से एक हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
सड़क और पुल बहने से यातायात ठप
बादल फटने के कारण पहाड़ियों से मलबा और पानी का तेज बहाव शहर के बाजार, घर और होटल प्रभावित हुए। कार्डी गाड़ में मलबे के सैलाब ने कई दुकानों और वाहनों को बहा दिया। सहस्त्रधारा रोड पर ऋषि नगर पुल और सड़क का हिस्सा बह गया। मसूरी-देहरादून मार्ग बंद हो गया, जिससे कई वाहन फंसे। झड़ीपानी शॉर्टकट रोड पर मकान में मलबा घुसने से दो नेपाली नागरिक दब गए, जिसमें एक की मौत हो गई।
ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे यातायात प्रभावित है। चकराता क्षेत्र में पहाड़ी से गिरा पत्थर बाइक पर सवार एक युवक विनय की मौत का कारण बना।
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू किया
देहरादून प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत कार्य शुरू किया। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सुरक्षित ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचाया। हरिद्वार में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण सख्त अलर्ट जारी किया गया है।
प्रशासन ने कहा है कि बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी लोग नदी किनारे या जोखिम वाले इलाकों में न जाएं। बचाव दल लगातार ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।