दिल्ली में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों के बीच जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने लंबित मांगों को लेकर एमसीडी मुख्यालय के बाहर हड़ताल की। मरीजों को परेशानी, विपक्ष ने कर्मचारियों का समर्थन किया।
नई दिल्ली: राजधानी में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों के बीच सोमवार को एमसीडी मुख्यालय के बाहर जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल की। कर्मचारियों की हड़ताल से मरीजों और आम नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विपक्षी नेताओं ने कर्मचारियों का समर्थन किया और स्थिति को गंभीर बताया।
स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल
हड़ताल का मुख्य कारण कर्मचारियों की लंबित मांगें हैं। कर्मचारियों ने कहा कि वे दशकों से महामारी और मौसमी बीमारियों से लड़ते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें उनकी सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर न्याय नहीं मिल रहा। उनका कहना है कि मेडिकल छुट्टी और ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए।
कर्मचारियों का आरोप है कि उन्होंने कई बार मेयर और अन्य अधिकारियों को अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराया, लेकिन उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस वजह से कर्मचारियों ने हड़ताल की और सार्वजनिक रूप से अपनी मांगों को उठाया।
राजधानी में मौसमी बीमारियों का बढ़ता खतरा
दिल्ली में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। विपक्षी नेता अंकुश नारंग ने हड़ताल स्थल पर जाकर कर्मचारियों से मुलाकात की और कहा कि ये कर्मचारी “सच्चे योद्धा” हैं, जो छतों, टंकियों और घरों में जमा पानी की जांच कर बीमारियों को रोकने का काम करते हैं।
उन्होंने चेताया कि यदि हड़ताल लंबी खिंचती है तो राजधानी में मौसमी बीमारियों का खतरा और बढ़ सकता है। अंकुश ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल राजधानी में महामारी से निपटने की क्षमता पर सीधा असर डाल सकती है।
अंकुश नारंग ने कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया
अंकुश नारंग ने कर्मचारियों से हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया और उनकी मांगों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर भाजपा मेयर और निगम आयुक्त से बातचीत की जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी मेयर को पत्र लिखकर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने का अनुरोध किया गया था।
अंकुश ने यह भी कहा कि कर्मचारियों के सहयोग और समझ से ही राजधानी में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया पर नियंत्रण रखा जा सकता है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि कर्मचारियों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि हड़ताल समाप्त हो और स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से जारी रह सकें।
हड़ताल से मरीजों और नागरिकों को हुई परेशानी
हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले लोग शिकायत कर रहे थे कि जरूरी सेवाएं बाधित हो रही हैं। इससे मरीजों की समय पर जांच और उपचार प्रभावित हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की भूमिका अहम होती है। यदि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो राजधानी में महामारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि कर्मचारियों की मांगों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।