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14 जुलाई से पांच दिनों तक शेयर बाजार में दिख सकता है बड़ा उछाल, जानिए क्या है वजह

14 जुलाई से पांच दिनों तक शेयर बाजार में दिख सकता है बड़ा उछाल, जानिए क्या है वजह

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए आने वाला सप्ताह कई मायनों में अहम साबित हो सकता है। कल यानी 14 जुलाई से शुरू हो रहे नए कारोबारी हफ्ते में ऐसी कई घटनाएं हैं जिनका सीधा असर शेयर बाजार (Share Market Action) की दिशा पर पड़ सकता है।

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार 14 जुलाई से शुरू हो रहे हफ्ते में बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। बीते सप्ताह बीएसई सेंसेक्स में करीब 932 अंक और एनएसई निफ्टी में 311 अंकों की गिरावट देखने को मिली थी। इस गिरावट के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण थे। अब नजर है इस हफ्ते की बड़ी घटनाओं पर जो बाजार की चाल को तय करेंगी।

तिमाही नतीजों से तय होगी बाजार की दिशा

14 जुलाई से शुरू हो रहे हफ्ते में निवेशकों की सबसे ज्यादा नजर बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों पर होगी। कंपनियों के अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे यह तय करेंगे कि बाजार ऊपर जाएगा या और फिसलेगा। इस हफ्ते HCL Technologies, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, विप्रो और JSW स्टील जैसी कंपनियों के Q1 रिजल्ट आने वाले हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि IT और बैंकिंग सेक्टर के नतीजे बाजार की दिशा तय करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। अगर इन कंपनियों की इनकम उम्मीद से बेहतर रही तो बाजार में तेजी की संभावना बन सकती है। वहीं अगर इनकम निराशाजनक रही तो गिरावट और तेज हो सकती है।

महंगाई के आंकड़े भी बढ़ाएंगे बाजार की धड़कन

निवेशकों की नजर इस हफ्ते आने वाले महंगाई दर के आंकड़ों पर भी रहेगी। 14 जुलाई को थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़े जारी किए जाएंगे। महंगाई की दर अगर उम्मीद से ज्यादा रही तो यह रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति पर असर डाल सकता है और इससे ब्याज दरों में बदलाव की संभावना बन सकती है।

ब्याज दरों की दिशा से बाजार में सेंटिमेंट तय होता है, इसलिए महंगाई के आंकड़ों का असर पूरे सप्ताह शेयरों के कारोबार पर पड़ेगा।

वैश्विक बाजार और विदेशी निवेशक भी करेंगे असर

इस हफ्ते वैश्विक संकेतक भी भारतीय शेयर बाजार की चाल में अहम भूमिका निभाएंगे। अमेरिका में महंगाई के आंकड़े, फेडरल रिजर्व के संकेत और चीन की GDP ग्रोथ रिपोर्ट जैसी वैश्विक घटनाएं बाजार को दिशा देंगी।

इसके साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का रुख भी बाजार के लिए बेहद अहम रहेगा। अगर FII की ओर से भारी बिकवाली देखने को मिली, तो घरेलू बाजार पर नकारात्मक असर हो सकता है।

कच्चे तेल की कीमतों पर नजर

इस हफ्ते कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में होने वाले बदलाव भी बाजार पर असर डाल सकते हैं। भारत अपनी जरूरत का अधिकतर क्रूड आयात करता है, इसलिए कीमतों में तेजी घरेलू कंपनियों की लागत बढ़ा सकती है, जिससे उनकी आय पर असर पड़ेगा।

इसका असर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों, एविएशन सेक्टर, पेंट कंपनियों और ऑटो सेक्टर के स्टॉक्स पर सीधे तौर पर देखने को मिलेगा।

फॉरेक्स मार्केट और रुपया भी रहेंगे फोकस में

डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल भी इस हफ्ते बाजार को प्रभावित कर सकती है। अगर रुपये में कमजोरी आती है तो यह इंपोर्ट आधारित कंपनियों के लिए निगेटिव सिग्नल होगा, जबकि IT और फार्मा जैसे एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड सेक्टर को इससे फायदा मिल सकता है।

किस सेक्टर पर रहेगा फोकस

इस हफ्ते बाजार की नजर मुख्य रूप से IT, बैंकिंग, मेटल और ऑटो सेक्टर पर रहेगी। IT कंपनियों के तिमाही नतीजे और डील गाइडेंस से इस सेक्टर में हलचल देखने को मिलेगी। बैंकिंग सेक्टर में एक्सिस बैंक और अन्य बड़े नामों के नतीजे आने से यह इंडेक्स भी एक्टिव रहेगा। JSW स्टील जैसे स्टॉक्स मेटल सेक्टर में ट्रेंड सेट कर सकते हैं।

IPO और लिस्टिंग भी रहेंगे चर्चा में

इसके अलावा प्राइमरी मार्केट की बात करें तो कुछ नए IPO की घोषणा और पुरानी पेशकशों की लिस्टिंग पर भी बाजार की नजर रहेगी। हाल ही में जिन कंपनियों के आईपीओ आए थे, उनकी लिस्टिंग सेगमेंट में ट्रेडिंग शुरू हो सकती है और इससे सेक्टर आधारित गतिविधि देखने को मिल सकती है।

ट्रेडर्स के लिए वोलैटाइल रहेगा हफ्ता

कुल मिलाकर, इस हफ्ते बाजार में कई मोर्चों पर गतिविधि देखने को मिलेगी। निवेशकों को हर दिन किसी न किसी बड़े अपडेट का इंतजार रहेगा और शेयरों में तेजी से उतार-चढ़ाव की संभावना जताई जा रही है। ट्रेडर्स के लिए यह सप्ताह खासा व्यस्त और निर्णायक साबित हो सकता है।

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