Columbus

महाराष्ट्र की राजनीति में फिर हलचल, NCP के दोनों गुटों के विलय की चर्चा तेज

महाराष्ट्र की राजनीति में फिर हलचल, NCP के दोनों गुटों के विलय की चर्चा तेज

महाराष्ट्र में एनसीपी के दोनों गुटों के फिर से एक होने की अटकलें तेज हैं, लेकिन अजित पवार और सुप्रिया सुले ने कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है।

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो गुटों - शरद पवार और अजित पवार के बीच फिर से एक होने की अटकलें तेज हैं। हालांकि दोनों पक्षों ने फिलहाल किसी भी प्रस्ताव से इनकार किया है। इस बीच अजित पवार ने अपने फैसलों को सही ठहराते हुए कहा कि ऐसे निर्णय पार्टी नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं।

स्थापना दिवस पर अलग-अलग कार्यक्रम

महाराष्ट्र में NCP के 26वें स्थापना दिवस पर पार्टी के दोनों गुटों, NCP (शरद पवार) और NCP (अजित पवार) ने पुणे में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए। इससे साफ हो गया कि दोनों गुटों के बीच फिलहाल कोई समझौता नहीं हुआ है। अजित पवार गुट ने जहां NDA में शामिल होने को सही बताया, वहीं शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने किसी भी संभावित एकता पर बयान देने से परहेज किया।

NDA में शामिल होना सामूहिक निर्णय: सुनील तटकरे

NCP के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) की अगुवाई वाले NDA में शामिल होना कोई व्यक्तिगत निर्णय नहीं था, बल्कि यह एक सामूहिक फैसला था। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से पार्टी ने कई बार इस विकल्प पर विचार किया था, लेकिन अंतिम निर्णय 2023 में लिया गया।

तटकरे ने कहा कि पार्टी की विचारधारा—जैसे कि छत्रपति शिवाजी महाराज, फुले, आंबेडकर और शाहू महाराज की नीतियों—से समझौता नहीं किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी की राजनीतिक यात्रा आगे भी जारी रहेगी।

'हम संत नहीं हैं': अजित पवार

अजित पवार ने भी स्थापना दिवस के मौके पर साफ किया कि विपक्ष में रहकर केवल विरोध करना समाधान नहीं है। उन्होंने कहा, "हम संत नहीं हैं, जो केवल नारे लगाकर संतुष्ट हो जाएं। हमारा लक्ष्य सत्ता में रहकर जनता के मुद्दों को हल करना है।" उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने विचारधारा के साथ कोई समझौता नहीं किया है और उनका कदम पूरी तरह से व्यावहारिक जरूरतों के अनुसार था।

एकता की संभावना पर अजित पवार का जवाब

अजित पवार से जब यह पूछा गया कि क्या NCP के दोनों गुट फिर से एक हो सकते हैं, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि ऐसे निर्णय पार्टी नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं, न कि कार्यकर्ताओं या जूनियर नेताओं द्वारा। उन्होंने यह भी माना कि कार्यकर्ताओं की राय भिन्न हो सकती है, लेकिन अंतिम निर्णय शीर्ष नेतृत्व का ही होता है।

सुप्रिया सुले ने टाल दिया जवाब

शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने भी गुटों के संभावित एकीकरण पर कुछ भी कहने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह बीते कुछ दिनों से लगातार पार्टी और विदेशी मामलों में व्यस्त रही हैं और उन्हें इस मुद्दे पर बात करने का समय नहीं मिला। हाल ही में सुले ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था, जिससे उनकी व्यस्तता साफ झलकती है।

शरद पवार की प्रतिक्रिया

शरद पवार ने कहा कि कुछ लोग दूसरी विचारधाराओं के साथ चले गए, जिससे विभाजन बढ़ गया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अभी चर्चा का विषय नहीं है, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि जो नेता पार्टी के साथ वफादार रहे, वे उसकी विचारधारा के कारण ही टिके हुए हैं।

Leave a comment