महाराष्ट्र के कल्याण डोंबिवली नगर निगम के 15 अगस्त को चिकन-मटन दुकानों बंद करने के आदेश पर एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। ठाकरे ने इसे अव्यवहारिक हस्तक्षेप बताया और कहा कि सरकार को लोगों को खाने-पीने का अधिकार तय करने का अधिकार नहीं है। विवाद में हिंदू खटीक समाज और जैन समुदाय भी शामिल हैं।
Kalyan-Dombivli, Maharashtra: 15 अगस्त को चिकन और मटन की दुकानों को बंद रखने के कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के आदेश पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी। ठाकरे ने कहा कि ‘वेज-नॉनवेज विवाद’ पूरी तरह गलत है और सरकार को यह तय करने का अधिकार नहीं कि लोग क्या खाएं। केडीएमसी ने 1988 के आदेश का हवाला देते हुए यह रोक लगाई थी, लेकिन हिंदू खटीक समाज, चिकन-मटन व्यापारी संघ और जैन समुदाय समेत कई पक्षों ने इसे अव्यवहारिक बताया।
राज ठाकरे का तीखा हमला
महाराष्ट्र के कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) द्वारा 15 अगस्त को चिकन और मटन की दुकानों को बंद रखने के आदेश के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। ठाकरे ने कहा कि वेज-नॉनवेज को लेकर यह विवाद पूरी तरह गलत है और सरकार को यह तय करने का अधिकार नहीं कि लोगों को क्या खाना चाहिए। उनका कहना था कि यह आदेश सरकार की अव्यवहारिक और हस्तक्षेपकारी नीति का उदाहरण है।
केडीएमसी ने 1988 के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि मटन और चिकन की बिक्री पर प्रतिबंध है, न कि इसके सेवन पर। इसके बावजूद हिंदू खटीक समाज और चिकन-मटन व्यापारी संघ ने इस फैसले के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी। महाराष्ट्र सरकार में उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इसे गैर जरूरी बताते हुए विवाद को बढ़ते हुए देखा।
कबूतरखाने विवाद पर राज ठाकरे का बयान
राज ठाकरे ने हाल ही में दादर स्थित कबूतरखाने को ढकने और दाना डालने पर प्रतिबंध के विरोध में जैन समुदाय के प्रदर्शन पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोगों को हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए, लेकिन सरकार की मंशा समझ से परे है। ठाकरे ने सवाल उठाया कि कबूतर के नाम पर अब राजनीति क्यों शुरू हो गई और भविष्य में कौन-कौन से प्राणी इस बहस में शामिल होंगे, यह अनुमान लगाना मुश्किल है।
बुधवार (13 अगस्त) को जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने कहा कि इस विवाद का समाधान केवल एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ही कर सकते हैं। मुनि ने बताया कि बालासाहेब ठाकरे के आदर्श राज ठाकरे में प्रतिबिंबित होते हैं और उनसे मिलने का अनुरोध किया।
राजनीतिक हलचल और संभावित कार्रवाई
बीएमसी ने कबूतरखाने पर दाना डालने पर जुर्माना लगाया और विवाद के खिलाफ जैन समुदाय हाई कोर्ट पहुंचे। बीएमसी ने बाद में कहा कि कुछ शर्तों के तहत प्रतिबंध हटाया जा सकता है। राज ठाकरे के बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति और प्रशासनिक आदेशों पर नई बहस खड़ी कर दी है।