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पराग जैन बने RAW के नए प्रमुख, ऑपरेशन सिंदूर में निभाई अहम भूमिका, 1 जुलाई से संभालेंगे कमान

पराग जैन बने RAW के नए प्रमुख, ऑपरेशन सिंदूर में निभाई अहम भूमिका, 1 जुलाई से संभालेंगे कमान

1989 बैच के आईपीएस पराग जैन को RAW का नया चीफ बनाया गया है। वे 1 जुलाई से कार्यभार संभालेंगे। HUMINT और TECHINT में माहिर पराग जैन ने ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मिशनों में अहम भूमिका निभाई है।

नई दिल्ली। भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) को नया प्रमुख मिल गया है। केंद्र सरकार ने 1989 बैच के पंजाब कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पराग जैन को RAW का अगला प्रमुख नियुक्त किया है। वह 1 जुलाई 2025 से पदभार संभालेंगे और मौजूदा RAW चीफ रवि सिन्हा की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है।

RAW क्या है और इसका कार्य क्या होता है

RAW यानी Research and Analysis Wing भारत की एक बेहद गोपनीय और रणनीतिक खुफिया एजेंसी है जो देश के बाहर के खतरों की निगरानी करती है। इसका मकसद भारत की सुरक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करना और दुश्मन ताकतों की हर गतिविधि पर नजर रखना होता है। RAW के प्रमुख को देश की सामरिक नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में विशेष भूमिका निभानी होती है।

पराग जैन का बैकग्राउंड और अनुभव

पराग जैन को खुफिया एजेंसियों में 'सुपर जासूस' के रूप में जाना जाता है। उनके पास इंसान आधारित खुफिया जानकारी (HUMINT) और तकनीक आधारित खुफिया प्रणाली (TECHINT) दोनों का गहरा अनुभव है। अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने अपने करियर में दोनों प्रकार की इंटेलिजेंस को कुशलता से मिलाकर काम किया है, जिससे कई हाई स्टेक ऑपरेशनों में सफलता हासिल हुई है।

ऑपरेशन सिंदूर में निभाई अहम भूमिका

पराग जैन की छवि एक शांत लेकिन बेहद प्रभावशाली अफसर की है। खुफिया हलकों में उनकी भूमिका को लेकर सबसे अधिक चर्चा 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान हुई, जिसे भारत की एक सबसे बड़ी रणनीतिक सफलता माना जाता है। इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसमें पराग जैन की रणनीतिक योजना और नेतृत्व ने RAW की कार्यप्रणाली को नई दिशा दी।

क्यों खास है पराग जैन की नियुक्ति

पराग जैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह की रणनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पड़ोसी देशों की गतिविधियों, साइबर हमलों, सीमा पार आतंकी घुसपैठ और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर होगी। उनके पास मौजूद HUMINT और TECHINT का अनुभव आने वाले समय में RAW की रणनीतियों को और अधिक प्रभावी बना सकता है।

रवि सिन्हा का कार्यकाल समाप्त

मौजूदा RAW प्रमुख रवि सिन्हा का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। उनके कार्यकाल के दौरान भी RAW ने कई महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं, लेकिन अब baton पराग जैन के हाथ में होगी। सरकार को उम्मीद है कि उनकी नियुक्ति से RAW की दक्षता और संचालन क्षमता और बढ़ेगी।

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