OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने चेतावनी दी है कि 2030 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 30%–40% नौकरियों को स्वचालित कर सकता है। उन्होंने कहा कि GPT-5 जैसे मॉडल इंसानों से अधिक स्मार्ट हो चुके हैं और AI आने वाले समय में उद्योगों के साथ-साथ रोजमर्रा की जिंदगी को भी पूरी तरह बदल देगा।
Impact on AI jobs: OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने Axel Springer Award लेने के बाद कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उम्मीद से कहीं तेज़ रफ्तार से बढ़ रहा है और 2030 तक यह इंसानी नौकरियों के बड़े हिस्से को स्वचालित कर सकता है। उन्होंने अनुमान लगाया कि AI 30%–40% तक मौजूदा कार्यों को ऑटोमेट कर देगा। ऑल्टमैन ने यह भी कहा कि GPT-5 जैसे उन्नत मॉडल पहले ही कई मामलों में इंसानों से अधिक सक्षम हैं और तकनीक को मानव मूल्यों के अनुरूप रखना बेहद जरूरी है ताकि इसके दुष्परिणामों को रोका जा सके।
AI का तेज़ विकास और नौकरी बाजार पर असर
OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने Axel Springer Award लेने के बाद कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उम्मीद से कहीं तेज़ गति से बढ़ रहा है। उनका मानना है कि 2030 तक AI इंसानी नौकरियों को बड़े पैमाने पर स्वचालित कर सकता है। ऑल्टमैन के मुताबिक यह तकनीक 30% से 40% तक मौजूदा कामकाज को ऑटोमेट कर सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके साथ ही नए रोल और काम के नए अवसर भी सामने आएंगे।
AI के बढ़ते प्रभाव के बीच ऑल्टमैन ने जोर दिया कि इंसानों को सीखना कैसे सीखें जैसी मेटा-स्किल्स अपनानी होंगी। इससे लोग तकनीक के बदलते माहौल में टिके रह सकेंगे और नए क्षेत्रों में आगे बढ़ पाएंगे।
GPT-5 और सुपरइंटेलिजेंस का संकेत
ऑल्टमैन ने बताया कि GPT-5 पहले से ही कई मामलों में इंसानों से अधिक स्मार्ट है। उन्होंने कहा कि AI आने वाले दशक में ऐसे वैज्ञानिक समाधान दे सकता है जिन्हें इंसान अकेले हासिल नहीं कर सकते। ऑल्टमैन ने चेतावनी दी कि अगर 2030 तक इंसानों से आगे काम करने वाले मॉडल नहीं बने तो यह चौंकाने वाला होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि OpenAI सॉफ्टवेयर से आगे बढ़कर AI-आधारित डिवाइस बनाने की दिशा में सोच रहा है। हाल ही में एक Apple डिज़ाइनर को जोड़ने के बाद कंपनी ऐसे डिवाइस पर काम कर रही है जो ऐप्स और नोटिफिकेशन से आगे बढ़कर पूरी तरह AI-चालित टास्क मैनेजमेंट देंगे।
इंसानी मूल्यों और सुरक्षित AI पर जोर
सैम ऑल्टमैन ने कहा कि तकनीक को इंसानी मूल्यों के अनुरूप रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने आगाह किया कि अगर AI को सावधानी से नहीं संभाला गया तो इसके दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं। उन्होंने पेरेंटिंग और राजनीति पर भी AI के असर का जिक्र किया और कहा कि भविष्य में नेता और सरकारें AI पर अधिक निर्भर होंगी, हालांकि अंतिम फैसले इंसान ही लेंगे।
OpenAI का कहना है कि उनका लक्ष्य AI को सुरक्षित, नैतिक और मानव-केंद्रित रखना है। ऑल्टमैन के अनुसार आने वाले सालों में AI उद्योगों के साथ-साथ रोजमर्रा की जिंदगी को भी पूरी तरह बदल देगा।