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शेयर बाजार में जान फूकेगा RBI का ये प्लान, निवेशकों की बढ़ सकती है कमाई

शेयर बाजार में जान फूकेगा RBI का ये प्लान, निवेशकों की बढ़ सकती है कमाई

RBI की मौद्रिक नीति बैठक को लेकर शेयर बाजार में उम्मीदें बढ़ गई हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्याज दरों में संभावित कटौती से निवेशकों को फायदा होगा और बाजार में राहत आ सकती है। हाल ही में H1B वीज़ा फीस बढ़ने और वैश्विक आर्थिक दबाव के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई थी।

RBI MPC Meeting: भारतीय शेयर बाजार में पिछले हफ्ते गिरावट के बाद निवेशकों की नजर RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक पर टिकी है, जो 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि 0.25% ब्याज दर कटौती से बाजार को राहत मिल सकती है। इससे पहले अमेरिका में H1B वीज़ा फीस बढ़ने से आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई थी, जिससे निवेशकों का भरोसा प्रभावित हुआ। आगामी औद्योगिक उत्पादन और PMI डेटा भी बाजार की दिशा तय करेगा।

शेयर बाजार में हाल की गिरावट

पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिली है। विशेष रूप से पिछले हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 2.5 से 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 2,199.77 अंक यानी 2.66% टूटकर 80,426.46 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी-50 672.35 अंक यानी 2.65% गिरकर 24,654.70 पर बंद हुआ।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की हालत और भी खराब रही। निफ्टी मिडकैप-50 में 4.40% और स्मॉलकैप-100 में 5.10% की गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स की 30 में से 27 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि सिर्फ मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक और एलएंडटी के शेयरों में मामूली बढ़त दर्ज हुई।

अमेरिका में H1B वीजा फीस बढ़ने का असर

हाल की गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका में H1B वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी है। अमेरिकी सरकार ने H1B वीजा की फीस को बढ़ाकर करीब एक लाख डॉलर कर दिया है। यह वीजा उन विदेशी प्रोफेशनल्स को दिया जाता है, जिन्हें अमेरिकी कंपनियां अस्थायी रूप से हायर करती हैं।

इस फैसले का सबसे बड़ा असर भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ा है, क्योंकि उनकी बड़ी संख्या में वर्कफोर्स अमेरिका में काम करती है। टेक महिंद्रा का शेयर 9.43%, टीसीएस 8.51%, ट्रेंट 7.84%, इंफोसिस 5.95%, एशियन पेंट्स 5.72% और महिंद्रा एंड महिंद्रा 5.44% टूट गया। इससे साफ है कि निवेशकों में चिंता और बेचैनी बढ़ी है।

निवेशकों की उम्मीदें और RBI की भूमिका

अब निवेशकों की नजरें RBI की MPC की बैठक पर टिकी हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा आर्थिक हालात और वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए इस बार रिजर्व बैंक 0.25% की ब्याज दर कटौती कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और बाजार में तेजी आ सकती है।

इसके अलावा, 29 सितंबर को औद्योगिक उत्पादन (IIP) और 1 अक्टूबर को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का PMI (Purchasing Managers Index) डेटा आने वाला है। ये आंकड़े बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि सकारात्मक आंकड़े शेयर बाजार में तेजी को और मजबूती दे सकते हैं।

ब्याज दर कटौती का असर

शेयर बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि ब्याज दरों में कटौती से कॉर्पोरेट्स की फाइनेंसिंग लागत कम होगी। इससे कंपनियों के मुनाफे पर सकारात्मक असर पड़ेगा और निवेशकों की आमदनी बढ़ सकती है। वहीं, अगर आर्थिक आंकड़े कमजोर आएं तो बाजार में गिरावट जारी रह सकती है।

विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि फिलहाल मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में ज्यादा अस्थिरता है। इसलिए निवेशकों को इस अवधि में धैर्य बनाए रखना होगा। लंबी अवधि में, अगर मौद्रिक नीति अनुकूल रहती है और बाजार को सपोर्ट मिलता है, तो यह निवेशकों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।

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